मजदूरों के लिए बड़ी खुशखबरी, हुकुमचंद मिल मामले में चुनाव आयोग से आई अनापत्ति

  • अब भुगतान कोंलेकर कोई कानूनी अड़चन नहीं

इंदौर: हुकुमचंद मिल (Hukumchand Mill) मजदूरों सहित अन्य लेनदारों (creditors) के बकाया भुगतान मामले में बड़ी खुशखबरी सामने आई है. इस मामले में चुनाव आयोग (election Commission) से अनापत्ति आ गई है जिसकी सूचना नगरीय प्रशासन (urban administration) के प्रमुख सचिव को भी भेज दी गई है. सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कल की तारीख में यह अनापत्ति जारी की गई है. इसमें नगरीय प्रशासन के 23 नवंबर को चुनाव आयोग को भेजे गए अर्द्ध शासकीय पत्र का हवाला देते हुए कहा गया है कि आपके उक्त पत्र द्वारा प्राप्त प्रस्ताव पर आयोग द्वारा अनापत्ति प्रदान कर दी गई है.

मजदूरों के भुगतान को लेकर लंबे समय से सतत सक्रिय महापौर पुष्यमित्र भार्गव (Mayor Pushyamitra Bhargava) ने सरकार से मांग की है कि चुनाव आयोग से अनापत्ति आने के बाद अब सरकार अन्य प्रक्रिया पूरी कर जल्द मजदूरी का भुगतान करे. उल्लेखनीय है कि कल ही इस मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई को अवमानना नोटिस जारी करते हुए आगामी 12 दिसंबर को व्यक्तिगत तलब करने के निर्देश दिए हैं.

यह है मामला
गौरतलब है कि गत याचिका की सुनवाई करते हुए 20 अक्तूबर को आदेश जारी कर जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की बेंच ने दो सप्ताह में मजदूरों सहित अन्य का बकाया भुगतान करने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए थे लेकिन बाद में 9 नवंबर को हुई सुनवाई में सरकार (हाउसिंग बोर्ड) की ओर से एक आवेदन देकर आचार संहिता के चलते चुनाव आयोग की अनुमति और बोर्ड बैठक का हवाला देते हुए कोर्ट से भुगतान के लिए 45 दिन का समय मांगा था.

इससे इंकार करते हुए हाई कोर्ट ने सरकार को 28 नवंबर तक का समय देते हुए निर्देशित किया था कि यदि इस अवधि तक भुगतान को लेकर वह चुनाव आयोग की अनुमति से लेकर बोर्ड बैठक और अन्य औपचारिक प्रक्रिया पूरा करने में असफल रहता है तो कोर्ट अपना 20 अक्टूबर को जारी आदेश वापस ले लेगी और सरकार/बोर्ड को कोई और अवसर नही देते हुए मिल की जमीन कांपनीस एक्ट के मुताबिक मिल की संपत्ति नीलाम की जाएगी. कल की सुनवाई में भी चुनाव आयोग की अनुमति नहीं आने की बात सामने आई थी. अब यह अनुमति आ जाने के बाद भुगतान कोंलेकर कोई कानूनी अड़चन नहीं रहेगी.

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