सरकारी और निजी जमीनों के विवादों के चलते मेट्रो प्रोजेक्ट में कई बाधाएं

  • आला अफसरों ने की समीक्षा, रानी सराय स्थित विजय नगर थाना भी टूटेगा,
  • निजी जमीनों का एसडीएम के जरिए करवा रहे हैं भू-अर्जन

इंदौर। जिस तरह शहर में प्राधिकरण (authority) के फ्लायओवरों के निर्माण में धार्मिक स्थल (religious place) बाधा बने हुए हैं वहीं अब चल रहे मेट्रो प्रोजेक्ट ( metro project) में भी सरकारी और निजी (government and private) जमीनों (lands) को हासिल करने की बाधा कायम है। संभागायुक्त, कलेेक्टर के साथ मेट्रो कॉर्पोरेशन के एमडी व अन्य अधिकारियों ने कल इसकी समीक्षा की और साथ ही प्रायोरिटी कॉरिडोर पर मेट्रो में बैठकर भ्रमण भी किया।

मेट्रो कम्पनी के एमडी सीबी चक्रवर्ती कल इंदौर आए और सुबह संभागायुक्त दीपक सिंह, कलेक्टर आशीष सिंह और अतिरिक्त पुलिस कमीश्रर अमित सिंह, निगम के अपर आयुक्त सिद्धार्थ जैन और अभिलाष मिश्रा और मेट्रो के अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें रीगल स्थित रानीसराय पुलिस मुख्यालय को तोडऩे, विजय नगर थाने की भी शिफ्टिंग के साथ निजी जमीनों के विवादों पर चर्चा की गई और संबंधित एसडीएम को भू-अर्जन की प्रक्रिया करने को भी कहा। वन विभाग के साथ गांधी नगर गृह निर्माण संस्था के 8 भू-खंड धारकों से भी कब्जा हासिल करना है। इसके सीमांकन की कार्रवाई भी होगी। साथ ही नैनोद में प्राधिकरण की जमीन पर मेट्रो कम्पनी द्वारा पॉवर सप्लाय यूनिट का निर्माण भी किया जाना है। समीक्षा बैठक के बाद सभी अधिकारियों ने गांधी नगर से लेकर टीसीएस स्टेशन तक साढ़े 5 किमी के प्रायोरिटी कारिडोर पर सफर भी किया, जिस पर तत्कालीन मुख्यमंत्री ने ट्रायल भी लिया था। अब जमीनों की बाधाओं को जल्द दूर किया जाएगा।

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