इंदौर-दाहोद रेल लाइन एक फिर बदलेगी रास्ता

सरदारपुर बर्ड सेंचुरी के भीतर से नहीं गुजरेगी, रेलवे बदलेगा अलाइनमेंट

इंदौर, अमित जलधारी. महत्वाकांक्षी इंदौर-दाहोद (Indore-Dahod) रेल लाइन (railway line) प्रोजेक्ट में एक बार फिर अहम बदलाव (change)  होने जा रहा है। इस लाइन (line) को रास्ता बदलकर बिछाया जाएगा। पहले रेल लाइन सरदारपुर बर्ड सेंचुरी (Sardarpur Bird Sanctuary) के भीतर से गुजारने की योजना था, लेकिन अब इसे बर्ड सेंचुरी के पास से गुजारा जाएगा। बर्ड सेंचुरी की जमीन अधिग्रहण संबंधी परेशानियों से बचने और काम जल्दी पूरी करने के लिए यह बदलाव किया जा रहा है। पश्चिम रेलवे जल्द ही नए अलाइनमेंट के लिए सर्वे शुरू करवाने की तैयारी कर रहा है।

उच्च पदस्थ आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरदारपुर बर्ड सेंचुरी की जमीन रेल लाइन के लिए लेना इतना आसान नहीं है। इसके लिए वन और पर्यावरण मंत्रालय की अनुमति लेना होगी, जिसमें लंबा वक्त लगेगा। रेल लाइन से जितना वन क्षेत्र प्रभावित होगा, उसकी भरपाई के लिए भी रेलवे को तगड़ी राशि खर्च करना होगी। इन्हीं सब दिक्कतों और झंझटों को देखते हुए आला स्तर पर तय किया गया है कि रेल लाइन को बर्ड सेंचुरी एरिया से अछूता रखा जाएगा। यह हिस्सा करीब सात-आठ किलोमीटर लंबा होगा। उमरकोट से झाबुआ के बीच सरदारपुर बर्ड सेंचुरी का क्षेत्र आता है, जिसका अलाइनमेंट बदलने की कवायद हो रही है। 2008 से 2024 तक दाहोद प्रोजेक्ट में कई बार बदलाव हुए हैं। यह प्रोजेक्ट 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है। लगभग 1700 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट के लिए बजट में 600 करोड़ रुपए का आवंटन दिया गया है।

नई एजेंसी से करवाएंगे सर्वे
सूत्रों ने यह भी बताया कि धार-झाबुआ के बीच रेल लाइन का सर्वे यूं तो राइट्स कंपनी को सौंपा गया है, लेकिन बर्ड सेंचुरी के बदले हुए अलाइनमेंट का सर्वे नई एजेंसी से करवाया जाएगा। इसके लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा जा चुका है। मई में टेंडर बुलवाकर सर्वे के लिए एजेंसियों से प्रस्ताव मांगे जाएंगे। सर्वे पूरा होने में तीन-चार महीने का समय लगना संभावित है। इधर, पश्चिम रेलवे का निर्माण विभाग धार से अमझेरा के बाद अब अमझेरा से सरदारपुर के बीच रेल लाइन बिछाने संबंधी टेंडर बुलाने की तैयारी कर रहा है। टेंडर मई में बुलाने की कोशिश की जा रही है।

उज्जैन-रतलाम होकर नहीं जाना पड़ेगा मुंबई 80 किलोमीटर का सफर बचेगा
इंदौर-दाहोद रेल लाइन प्रोजेक्ट कई मायनों में खास है। यह लाइन इंदौर को न केवल आदिवासी बहुल धार-झाबुआ से रेल कनेक्टिविटी देगी, बल्कि मुंबई के लिए छोटा रास्ता भी उपलब्ध कराएगी। अभी मुंबई-पुणे की तरफ जाने के लिए इंदौर की ट्रेनों को उज्जैन-रतलाम के लंबे रूट से भेजना पड़ता है। दाहोद लाइन बिछने से छोटा रास्ता उपलब्ध हो जाएगा। दाहोद लाइन इंदौर के लोगों का 80 किलोमीटर से ज्यादा का सफर बचाएगी।

Leave a Comment