भारत ही नहीं दुनिया भर के ज्‍यादातर लोगों ने रखा ये पासवर्ड, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

नई दिल्ली: इंटरनेट की दुनिया में बैंकिंग, सोशल मीडिया और ऐप के पासवर्ड तैयार करना सबसे बड़ी चुनौती बन गया है. इसी वजह से बहुत से लोग बहुत सामान्य पासवर्ड का यूज करते हैं. जिनको हैकर्स पलक झपकते ही क्रैक कर लेते हैं. हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें बताया गया है भारतीयों सहित दुनिया के ज्यादातर लोगों ने साल 2023 में सबसे कॉमन पासवर्ड यूज किया है, जो कि ‘123456’ है. पासवर्ड प्रबंधन समाधान कंपनी नॉर्डपास के अनुसार, लोगों ने 2023 में अपने स्ट्रीमिंग खातों के लिए सबसे कमजोर पासवर्ड का उपयोग किया है.

देश के नाम पर रखते हैं यूजर्स पासवर्ड
नॉर्डपास की रिपोर्ट के अनुसार बहुत से इंटरनेट यूजर्स अपने देश के नाम पर भी पासवर्ड रखते हैं, जैसे आप भारतीय है तो आपका पासवर्ड India@123 होगा. रिपोर्ट में बताया गया है कि इस तरीके के पासवर्ड रखने वालों की संख्या भी भारत सहित दुनिया में बहुत ज्यादा है. रिपोर्ट में पाया गया कि ‘एडमिन’ शब्द, जो संभवतः उन पासवर्डों में से एक है, जिन्हें लोग बदलने से नहीं घबराते, इस साल भारत और कई अन्य देशों में सबसे आम पासवर्डों में से एक बन गया है.

‘पासवर्ड’ था पिछली साल टॉप पर
बीते साल सबसे ज्यादा लोगों ने ‘पासवर्ड’ को अपना पासवर्ड बनाया है. भारत में यूजर्स Pass@123 या Password@123 का यूज सबसे ज्यादा किया. इंटरनेट उपयोगकर्ताओं द्वारा विभिन्न प्लेटफार्मों के लिए उपयोग किए जाने वाले पासवर्ड के बारे में पता लगाने के लिए, शोधकर्ताओं ने विभिन्न चोरी करने वाले मैलवेयर द्वारा उजागर किए गए पासवर्ड के 6.6 टीबी डेटाबेस का विश्लेषण किया, जिसे विशेषज्ञ लोगों की साइबर सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा मानते हैं. सबसे डरावनी बात यह है कि पीड़ितों को यह एहसास भी नहीं हो सकता है कि उनका कंप्यूटर संक्रमित है.

दुनिया के लगभग एक तिहाई (31 प्रतिशत) सबसे लोकप्रिय पासवर्ड पूरी तरह से संख्यात्मक अनुक्रमों से बने होते हैं, जैसे ‘123456789’, ‘12345’, ‘000000’ और अन्य. रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल की वैश्विक सूची में 70 फीसदी पासवर्ड एक सेकंड से भी कम समय में क्रैक किए जा सकते हैं. शोधकर्ताओं ने बेहतर सुरक्षा के लिए प्रमाणीकरण के एक नए रूप के रूप में पासकीज़ का सुझाव दिया. स्मालाकिस ने कहा, यह तकनीक खराब पासवर्ड को खत्म करने में मदद करेगी, इससे उपयोगकर्ता अधिक सुरक्षित हो जाएंगे.

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