कोचिंग सेंटरों की मनमानी पर लगाम कसने की तैयारी, 16 साल से छोटे बच्चों को ‘नो एंट्री

नई दिल्ली (New Delhi)। प्राइवेट कोंचिंग सेंटर्स (Private coaching centers) की मनमानी (Arbitrariness) पर अब केंद्र सरकार (Central government) ने लगाम कसने की तैयारी कर ली है. इन नई गाइडलाइंस (new guidelines) के अनुसार अब कोई भी कहीं भी और कभी भी प्राइवेट कोचिंग सेंटर (Private coaching centers) नहीं खोल पाएगा. इसके लिए सबसे पहले उसे रजिस्ट्रेशन कराना होगा. यही नहीं अब कोचिंग सेंटर में 16 साल से कम उम्र के बच्चों को पढ़ाई के लिए नामांकन नहीं होगा. कोचिंग सेंटर किसी छात्र से मनमानी फीस भी नहीं वसूल सकेंगे।

केंद्र ने ये गाइलाइन देश भर में NEET या JEE की तैयारी कर रहे छात्रों के बढ़ते सुसाइड मामलों और देश में बेलगाम कोचिंग सेंटर्स की मनमानी को लेकर दिया है. गाइडलाइन के अनुसार, आईआईटी जेईई, एमबीबीएस, नीट जैसे प्रोफेशनल कोर्स के लिए कोचिंग सेंटरों के पास फायर और भवन सुरक्षा संबंधी एनओसी होनी चाहिए. परीक्षा और सफलता के दबाव को लेकर छात्रों की परेशानी दूर करने के लिए उन्हें मनोवैज्ञानिक और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी सहायता भी उपलब्ध कराई जाए।

पहले भी जारी हो चुके हैं गाइडलाइंस
कोचिंग सेंटर के रजिस्ट्रेशन और रेगुलेशन 2024 के दिशानिर्देश राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पहले ही भेजे गए हैं. कुछ राज्यों में पहले से ही कोचिंग इंस्टीट्यूट्स के रेगुलेशन संबंधी कानून हैं, अधिक फीस वसूलने वाले और जगह-जगह खुले प्राइवेट कोचिंग सेंटरों की बढ़ती तादाद और वहां सुसाइड के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार ने ये मॉडल गाइडलाइन प्रोपोज की है।

गाइडलाइन में कहा गया है कि छात्रों पर कड़ी प्रतिस्पर्धा और अकादमिक दबाव को देखते हुए कोचिंग केंद्रों को बच्चों की भलाई के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए. कोचिंग संस्थान तनाव और अवसाद से छात्रों को बचाने और उन्हें मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मदद अनुभवी मनोवैज्ञानिकों की सहायता लेनी होगी।

नियम तोड़ा तो लगेगा तगड़ा जुर्माना
कोचिंग सेंटर्स को गाइडलाइन के अनुरूप रजिस्ट्रेशन न कराने और नियम और शर्तों के उल्लंघन पर भारी जुर्माना देना होगा. कोचिंग सेंटर पहले उल्लंघन के लिए 25 हजार, दूसरी बार एक लाख और तीसरी बार अपराध के लिए रजिस्ट्रेशन कैंसल करने के साथ भारी जुर्माना के लिए तैयार रहना होगा।

10 दिन के भीतर वापस होगी फीस
गाइडलाइन के मुताबिक, कोर्स की अवधि के दौरान फीस नहीं बढ़ाई जा सकेगी. किसी छात्र ने पूरा भुगतान करने के बावजूद कोर्स को बीच में छोड़ने का आवेदन किया है तो पाठ्यक्रम की शेष अवधि का पैसा वापस करना होगा. रिफंड में हॉस्टल और मेस फीस भी शामिल होगी।

5 घंटे से ज्यादा क्लास नहीं चलेगी
किसी भी हालात में स्कूलों या संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों की टाइमिंग के दौरान कोचिंग कक्षाएं नहीं चलेंगी. एक दिन में 5 घंटे से अधिक कक्षाएं नहीं चलेंगी. सुबह अर्ली मार्निंग और लेट नाइट क्लास नहीं होंगी.छात्रों और शिक्षकों को वीक ऑफ मिलेगा. त्योहारों में कोचिंग सेंटर छात्रों को परिवार के साथ जुड़ने और भावनात्मक लगाव को बढ़ाने का मौका देंगे।

16 साल से छोटे बच्चों का नहीं होगा नामांकन
केंद्र द्वारा जारी कोचिंग सेंटर विनियमन 2024 के लिए प्रस्तावित दिशानिर्देश सुझाव देते हैं कि 16 वर्ष से कम उम्र के छात्रों को कोचिंग सेंटरों में नामांकित नहीं किया जाना चाहिए. दिशानिर्देश यह भी सुझाव देते हैं कि कोचिंग सेंटरों को माता-पिता और छात्रों से भ्रामक वादे या रैंक की गारंटी नहीं देनी चाहिए।

नहीं रखे जाएंगे कम योग्यता वाले ट्यूटर
गाइडलाइन में प्रस्तावित है कि स्नातक से कम योग्यता वाले ट्यूटर्स को कोचिंग संस्थानों में पढ़ाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. उचित निगरानी सुनिश्चित करने के लिए केंद्र ने ऐसे दिशानिर्देश लागू होने के तीन महीने के भीतर नए और मौजूदा कोचिंग सेंटरों के पंजीकरण का प्रस्ताव दिया है।

डरावने हैं आंकड़े
सिर्फ 2023 में, एस्प‍िरेंट छात्रों की आत्महत्या के 28 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से सबसे अधिक मामले भारत की प्रसिद्ध कोचिंग मंडी कोटा, राजस्थान में थे. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ऐसी गाइडलाइंस तैयार की हैं, जिससे इस तरह की घटनाओं पर रोक लग सके।

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