समझौता करने अपहृत युवक को धमका रहे आरोपियों के परिजन

  • पीडि़त परिजनों ने आईजी के नाम ज्ञापन सौंपकर की उचित कार्यवाही की मांग, परिजनों ने पुलिस पर भी लगाया आरोप

जबलपुर। विगत 9 मार्च को पनागर क्षेत्र से अपहरण हुए युवक को रीवा पुलिस ने सकुशल अपकर्ताओं के चंगुल से छुड़ा लिया था। वहीं इस मामले में पुलिस कुछ आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया था। लेकिन अपहरणकर्ताओं से छूटने के बाद से ही युवक को लगातार जान से मारने की धमकी मिल रही है। जिसके चलते उसने इस मामले की शिकायत आईजी से की है। शहर के एक निजी बैंक में कार्यरत राहुल राज चौहान ने बताया कि रीवा पुलिस के द्वारा उसे अपहर्ताओं के चंगुल से छुडाने के बाद से ही लगातार धमकियां मिल रहीं है। उसे फोन कर कहा जा रहा है कि तुमने मेरे भाई को फंसाया है। वह अब जेल में है। तुमने अपनी शिकायत वापस नहीं ली और मेरे भाई को जेल से बाहर नहीं निकाला ए तो तुम्हें तुम्हारी पत्नी और बच्चों को खत्म कर दूंगा। अपहरणकर्ताओं की धमकी के बाद से राहुल और उसका परिवार दहशत में है। उल्लेखनीय है जबलपुर रीवा पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन में अपहरणकर्ताओं के चंगुल से राहुल को रिहा कराने के साथ ही पुलिस ने तीन अपहर्ताओं को भी गिरफ्तार किया था। जबकि गिरोह के कुछ सदस्य अभी फरार हैं। पीडि़त राहुल ने बताया कि वह आपदाओं से मिली धमकी की शिकायत जबलपुर रेंज के आईजी उमेश जोगा से ज्ञापन के माध्यम से की है। उसने पुलिस को बताया कि धमकियों से परिवार और वह खुद डिप्रेशन में है। धमकी मिलने का सिलसिला बंद नहीं हुआ तो आत्मघाती कदम उठाना पड़ सकता है।


यह था पूरा मामला
राहुल राज चौहान के मुताबिक 2019 में आरोपी सुला प्रताप जो कि रीवा का रहने वाला है, उससे मुलाकात हुई थी। आरोपी ने अपने आप को कपड़े का व्यापारी बताते हुए राहुल को अपने साथ व्यापार करने का प्रलोभन दिया। इसी बीच राहुल 2019 में एक केस में फंस गया था जिसमें की आरोपी सुलभ प्रताप सिंह ने उसकी मदद की थी। इसी मदद को लेकर सुलभ प्रताप सिंह ने माढोताल थाना पुलिस में 2022 दिसंबर को शिकायत की थी कि राहुल से उसे 12 लाख रुपए रुपए लेना हैए जिस पर पुलिस ने सुलभ प्रताप से रुपए देने के जब सबूत मांगे तो वह चुपचाप रह गया। होली के अगले दिन 9 मार्च की रात जब राहुल पनागर स्थित बालाजी सिटी में पत्नी और बच्चे के साथ घूम कर जैसे ही कॉलोनी के अंदर पहुंचा तो आरोपी सुलभ प्रताप सिंह के साथ कार में दो युवकों के साथ पहुंचाए पीछे से 3 लड़के बाइक में आए और मारपीट करते हुए जबरन कार में बैठाया और वहां से फरार हो गए। जिसके बाद उसकी पत्नी को फिरौती का कॉल आया था।

आरोपियों के परिजनों द्वारा पुलिस से सांठ-गांठ कर पीडि़त परिवार पर ही दबाव बनाया जा रहा है। पुलिस द्वारा पीडि़त परिजनों को बार-बार थाने बुलाकर परेशान किया जा रहा है। जय रेवाखण्ड के माध्यम से पीडि़त परिवार ने आईजी के नाम ज्ञापन सौंपकर उचित कार्यवाही की मांग की है।
आनंद श्रीवास्तव, प्रदेश प्रभारी जय रेवाखण्ड

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