बच्चें को ले जा रही स्कूल बस अनियंत्रित होकर पलटी

  • सुबह खजिरी खिरिया बायपास की घटना, ग्रामीणों की मदद से बच्चें को पहुंचाया अस्पताल

जबलपुर। आज सुबह अधारताल थाना अंतर्गत खजरी खिरिया बायपास के पास एक तेज रफ्तार स्कूलबस अनियंत्रित होकर पलट गई। बताया जा रहा है कि घटना के समय बस में एक दर्जन से अधिक स्कूली बच्चे सवार थे। घटना के दौरान मौके पर चीख पुकार मच गई। आनन-फानन में ग्रामीणों और मोके पर मौजूद लोगों की मदद से बच्चों को बाहर निकालकर उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया गया। सूचना पाकर अधारताल थाने की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है। जानकारी अनुसार आज सुबह ब्लेसिंग किड्स पब्लिक स्कूल की बस क्रमांक एमपी 20 ई 6395 अचानक पिपरिया इमलिया खेड़ा के पास पलट गई। घटना में लगभग एक दर्जन छात्र छात्राएं घायल हो गए। घायल छात्रों को स्थानीय लोगों की मदद से एक निजी हॉस्पिटल में भिजवाया गया। जहां उनका ईलाज किया जा रहा है। वहीं अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहां कि स्कूल प्रबंधन द्वारा कबाड़ हो चुकी बसों में छात्र-छात्राओं को लाने ले जाने का काम किया जा रहा है। जिसके चलते आज यह घटना घटित हो गई। वहीं मामले में स्कूल प्रबंधन पूरी तरह से पल्ला झाड़ते नजर आया।

कबाड़ हो चुकी है बस
घायल छात्रों के अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि जिस बस में बच्चों को ले जाया जा रहा था वह कंडम हो चुकी है। इसके बावजूद भी प्रबंधन द्वारा बच्चों की जान जोखिम में डाला जा रहा है। गनीमत रही की हादसे में किसी प्रकार की कोई जनहानी नहीं हुई। घायल बच्चों का उपचार किया जा रहा है।

ग्रामीण क्षेत्रों से बच्चों को लाती थी बस
जानकारी के अनुसार ब्लेसिंग किड्स पब्लिक स्कूल की बस ग्रामीण क्षेत्र पिपरिया, उमरिया, पनागर आदि क्षेत्रों से छात्र छात्राओं को बस में लेकर आती थी। और स्कूल के बाद बच्चों को घर छोड़ती थी।

नशे में था चालक
प्रत्यक्षदर्शीयों के अनुसार बताया जा रहा कि बायपास के पास स्कूल स्थित है। हादसे के बाद देखा कि चालक नशे में धुत्त था और बस भी पूरी तरह जर्जर स्थिति में है। बच्चों की जान से स्कूल प्रबंधन खिलबाड़ कर रहा है।

संजीवनी हॉस्पिटल में कराया गया भर्ती
पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि घटना में घायल लगभग एक दर्जन से अधिक बच्चों को संजीवनी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है। जिसमें से अधिकांश बच्चों को प्राथमिक उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। वहीं कुछ बच्चों को चोट आने के कारण उन्हें भर्ती किाया गया है।

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