चतुर्मास : व्यक्ति, परिवार, समाज और राष्ट्र निर्माण की अवधि
– रमेश शर्मा भारतीय वाड्मय में चतुर्मास का विशेष महत्व है । यह अवधि आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी से आरंभ होकर कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की एकादशी तक पूरे चार माह रहती है । मान्यता है कि इस अवधि में भगवान नारायण पाताल लोक में विश्राम करते हैं इसलिये कोई शुभ काम नहीं होते। … Read more