एक राष्ट्र-एक चुनाव पर बहस का कोई मतलब नहीं

– राजीव खंडेलवाल एक राष्ट्र-एक चुनाव फिलहाल ‘शिगूफा’ से कम नहीं। प्रश्न क्या ‘एक राष्ट्र एक चुनाव नीति’ को लागू करना जरूरी है, उससे पहले यह यक्ष प्रश्न उत्पन्न होता है कि क्या सरकार वास्तव में इस संबंध में गंभीर है? यदि वास्तव में कोई संशोधन बिल लाना ही चाहती होती तो, सरकार उक्त उद्देश्य … Read more