इंदौर-भोपाल मेट्रो कोच, प्लेटफॉर्म स्क्रीन, डोर सिस्टम के साथ सिग्नल और ट्रेन कंट्रोल के लिए तीन फर्मों ने दिखाई रुचि

इंदौर। मेट्रो प्रोजेक्ट (Metro Project) में जहां एलिवेटेड कॉरिडोर (Elevated Corridor) का काम चल रहा है, वहीं उससे जुड़े अन्य टेंडरों की भी मंजूरी दी जाना है। अभी इंदौर में रोबोट चौराहा से पलासिया तक के एलिवेटेड कॉरिडोर के लिए भी टेंडर मंजूर किए गए, तो अभी सुरक्षा मापदण्डों के आधार पर भी निजी कम्पनी को ठेका दिया जाना है, जो सेफ्टी ऑडिट के साथ मेट्रो कोच, प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर, सिग्रल, ट्रेन कंट्रोल के साथ-साथ अन्य सेफ्टी सिस्टमों की जिम्मेदारी लेगा। इसके लिए तीन फर्मों ने टेंडर सौंपे हैं, जिसमें से उपयुक्त फर्म का चयन मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन द्वारा लिया जाना है।

अभी सितम्बर माह में मेट्रो कॉर्पोरेशन ने इसके लिए टेंडर आमंत्रित किए थे, जिसमें इंडिपेंडेंट सेफ्टी असेसर्स यानी स्वतंत्र सुरक्षा नियंत्रणकर्ता एजेंसी की नियुक्ति की जाना है, जिसके लिए तीन कम्पनियों ब्यूरो वेरिटास, इंडिया प्रा.लि., टीयूवी इंडिया प्रा.लि. के अलावा टीयूवी सुड साउथ एशिया प्रा.लि. शामिल है। इसमें एजेंसी के जिम्मे इंदौर-भोपाल मेट्रो ट्रेन में सेफ्टी यानी सुरक्षा से जुड़ी सभी तरह की जिम्मेदारियां रहेंगी, जिसमें संबंधित फर्म को लगातार सेफ्टी ऑडिट तो करना ही होगा, साथ ही मेट्रो के सिग्रलिंग सिस्टम, ट्रेन कंट्रोल, प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर और रोलिंग स्टॉक यानी कोच सहित अन्य जिम्मेदारियां रहेगी। अंडरग्राउंड और एलिवेटेड, दोनों ही कॉरिडोर के लिए उपयुक्त सुरक्षा नियंत्रणकर्ता एजेंसी की नियुक्ति होना है। इसके लिए वित्तीय और तकनीकी निविदाएं खोली जाएंगी। उल्लेखनीय है कि इंदौर मेट्रो का काम इन दिनों गांधी नगर से लेकर सुपर कॉरिडोर होते हुए एमआर-10, विजय नगर, रेडिसन चौराहा से लेकर रोबोट चौराहा तक चल रहा है, जिसमें से लगभग साढ़े 5 किलोमीटर के प्रायोरिटी कॉरिडोर पर विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने सफल ट्रायल रन भी लिया था। वहीं एक साल बाद लगभग 17 किलोमीटर के हिस्से पर यानी एयरपोर्ट से लेकर रोबोट चौराहा तक मेट्रो का व्यवसायिक संचालन शुरू करने का लक्ष्य भी कॉर्पोरेशन ने रखा है, जिसमें जनता यानी यात्रियों को इसकी सुविधा दी जाएगी। लिहाजा स्टेशन सहित अन्य निर्माण तेजी से जारी हैं।

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