
नई दिल्ली। ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में शनि के राशि परिवर्तन या चाल परिवर्तन को काफी अहम माना गया है। शनिदेव (Shani Dev) को न्याय देवता कहा गया है। शनि अच्छे कर्म करने वाले जातकों को शुभ फल देते हैं और बुरे कर्म करने वालों को दंडित करते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार, शनि 23 अक्टूबर 2022 को मकर राशि में मार्गी हुए थे और अब वह इसी राशि में सीधी चाल (straight move) चल रहे हैं। इस समय कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती (Shani Sade Sati ) का दूसरा चरण चल रहा है। शास्त्रों में शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण सबसे कष्टकारी माना गया है। जानें कुंभ राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से कब मिलेगी मुक्ति-
कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण-
पंचांग के अनुसार, शनि ग्रह 29 अप्रैल 2022 को मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश किए थे। तभी से कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण शुरू हो गया था। शनि के कुंभ राशि में आने से धनु राशि (sagittarius) वालों को शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिल गई थी और मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हुई थी। कर्क व वृश्चिक राशि के जातक शनि ढैय्या (Shani Dhaiyya) से पीड़ित हुए थे।
शनि की कैसी है वर्तमान स्थिति-
हिंदू पंचांग के अनुसार, शनि 23 अप्रैल 2022 को कुंभ राशि में प्रवेश हुए थे और 5 जून तक वक्री अवस्था (उल्टी चाल) में थे। इसके बाद 12 जुलाई को वक्री अवस्था में ही मकर राशि में गोचर कर गए थे। अब 23 अक्टूबर को मकर राशि में मार्गी हुए थे। 17 जनवरी 2023 को फिर से शनि कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
कुंभ राशि से कब हटेगी शनि की साढ़ेसाती-
कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती 24 जनवरी 2022 को शुरू हुई थी और इससे मुक्ति 3 जून 2027 को मिलेगी। शनि की साढ़ेसाती के तीन चरण होते हैं।
शनि के दूसरे चरण का क्या पड़ता है प्रभाव-
शनिदेव साढ़ेसाती के दूसरे चरण में ज्यादा कष्टकारी साबित होते हैं। इस दौरान जातक को आर्थिक, शारीरिक व मानसिक कष्टों का सामना करना पड़ता है।
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved