
नई दिल्ली । जदयू (JDU) ने अपनी 50 विधानसभा सीटों (Assembly seats) के लिए खास रणनीति बनायी है। इन सीटों को जीतने के लिए पार्टी ने सभी पदाधिकारियों व प्रकोष्ठों को बड़ी जिम्मेवारी सौंपी है। इनमें से अधिसंख्य वे सीटें हैं, जिनपर पिछली बार उसके उम्मीदवारों (Candidates) की साजिश तथा भीतरघाट से हार हुई थी। पार्टी ने कई स्तरों पर समीक्षा के बाद इन सीटों की पहचान की है। 2020 के विस चुनाव में जदयू के लिए अपने ही पुराने सहयोगी चिराग पासवान (chirag paswan) की लोजपा (LJP) और उपेन्द्र कुशवाहा (upendra kushwaha) की रालोसपा (RLSP) ने कई सीटों पर हार का रास्ता प्रशस्त किया।
दोनों ने जदयू के आधारवोट में सेंधमारी की थी। इससे जदयू को नुकसान हुआ था। ऐसी सीटों की संख्या 40 से अधिक है। इस समय बदली परिस्थिति में चिराग पासवान और उपेन्द्र कुशवाहा दोनों जदयू के सहयोगी दल हैं और एनडीए के घटक दल हैं। ऐसे में आधारवोट में सेंधमारी का तो खतरा नहीं है, लेकिन इन सीटों पर पुराने सहयोगियों के बागी होकर मैदान में उतरने का खतरा अवश्य है। लिहाजा, पार्टी इनके लिए अपने स्तर से कोई कोताही नहीं करना चाहती।
प्रदेश पदाधिकारियों को टास्क सौंपा गया
पिछले दिनों पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा व प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने संगठन की बैठक में सभी सीटों को लेकर प्रदेश पदाधिकारियों को टास्क सौंपा। इसके बाद प्रदेश कमेटी ने उन सीटों की पहचान शुरू की। पार्टी ने हर बूथ पर 10-10 लोगों को तैयार करने की योजना पर काम किया, लेकिन बाद में इसका स्वत: विस्तार हो गया। पार्टी का दावा है कि हर बूथ पर उसने लक्ष्य से अधिक लोग तैयार किये हैं। हर प्रकोष्ठ की अपनी तैयारी है ताकि एनडीए जीत सुनिश्चित की जाए।
बूथ मैनेजमेंट पर ध्यान
प्रदेश अध्यक्ष कहते हैं कि हमने कुछ सीटों की पहचान कर वहां अधिक ध्यान देने की योजना बनायी है। पार्टी कार्यकर्ताओं को कई जिम्मेवारी दी गयी है। यहां बूथ मैनेजमेंट पर सर्वाधिक ध्यान दिया जा रहा है। बूथ के हर लोगों से संपर्क किया जा रहा है। यहां पार्टी कार्यकर्ताओं को मतदाताओं से बेहतर समन्वय स्थापित कर काम करने को कहा गया है।
बीती बातें भूलकर आगे बढ़ चुकी है पार्टी : विजय
पार्टी के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी कहते हैं कि पिछला विधानसभा चुनाव अब हमारे लिए बीती बात है। हम आगे बढ़ चुके हैं। पार्टी हर सीट पर मेहनत कर रही है। कुछ सीटों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है और हम ऐसा कर भी रहे हैं। इस बार सहयोगी दलों के साथ एनडीए एकजुट है। कहीं कोई दिक्कत नहीं, कोई विवाद नहीं। सब मिलकर लड़ेंगे। हमारी सम्मलित मेहनत का लाभ पूरे एनडीए को होगा। परिणाम एनडीए के पक्ष में होगा। सबकी सीटें बढ़ेंगी।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved