भोपाल। उपचुनाव-2020 में लोग अजीबो-गरीब शिकायतें कर रहे हैं। इन शिकायतों के कारण अधिकारियों की भी सिरदर्दी बढ़ गई है। हाल ही में आई एक शिकायत में शिकायतकर्ता ने कहा है कि ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में कुछ गली मोहल्लों में भाजपा का प्रचार नहीं हो रहा है। उसने अपनी शिकायत में भाजपा का प्रचार कराने की मांग की है। कुछ शिकायतों में घरेलू हिंसा से लेकर बिजली-पानी की मांग भी शामिल है। वहीं अधिकारी व कर्मचारियों के नाम पर तो कभी राजनीतिक दलों को फायदा देने की शिकायतों की तो कतार लगी है। नौबत यह है कि प्रत्याशियों के नाम से सादा कागज या लेटरहेड तक पर शिकायतें की जा रही हैं। अभी तक शिकायत शाखा में 150 मामले आ चुके हैं, जिनमें 135 का निराकरण कर दिया गया है। इस प्रकार की शिकायतों ने अफसरों की सिरदर्दी को खासा बढ़ा दिया है। ग्वालियर जिले में इस बार तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हैं। जिनमें ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व और डबरा शामिल हैं। उपचुनाव की घोषणा के बाद से राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों के बीच जुबानी हमले के आए दिन मामले सामने आ रहे हैं। पार्टियां और प्रत्याशी एक दूसरे पर जमकर आरोप प्रत्यारोप लगाकर एक दूसरे को कटघरे में खड़ा कर रहे हैंं। वहीं सड़क,बिजली और पानी की भी शिकायतें काफी संख्या में शिकायत सेल के पास पहुंच रही हैं।
निराकरण की प्रक्रिया
उपचुनाव के लिए गठित किए गए शिकायत सेल में शिकायतकर्ता की शिकायत का निराकरण बुलाकर किया जाता है। पहले आवेदक को बुलाकर पूछा जाता है कि क्या यह शिकायत आपके द्वारा ही की गई है। इसके बाद आवेदक स्वीकारता है तो शिकायत का आधार मांगा जाता हैं।
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