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विधानसभा चुनाव से पहले मप्र में चलेगा उप्र की तर्ज पर बुलडोजर

March 21, 2022

  • प्रदेश भर में गुंडे, माफियाओं की सूची तैयार
  • सरकार का इशारा होते ही होगी कार्रवाई

भोपाल। उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद मप्र में भी भाजपा चुनावी मोड़ में आ गई है। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मप्र में ऐसा कुछ होगा, जो पहले कभी नहीं हुआ है। सरकार अब जल्द ही गुंडे, मवाली, माफिया और कुख्यात अपराधियों के खिलाफ अभियान शुरू करेगी। यह अभियान ठीक उसी तर्ज पर चलेगा, जिस तरह उप्र की योगी सरकार ने माफिया को कुचला। सरकार की मंशा को भांपते हुए जिलों में पुलिस एवं प्रशासन ने अपराधियों की सूची तैयार कर ली है। सरकार का इशारा होते ही अपराधियों पर बुलडोजर गरजने लगेगा।
पुलिस मुख्यालय एवं मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में डकैतों की तरह माफिया को खत्म करने चाहते हैं। ऐसे लोग जो कुख्यात अपराधी हैं और समाज में खौफ पैदा करते हैं। जिन्होंने गुंडागर्दी के चलते गरीब, दलित एवं आदिवासियों की जमीनों पर कब्जा किया है। जो संाप्रदायिक सौहाद्र्र बिगाडऩे का काम करते हैं। ऐसे लोगों की अब खैर नहीं है। पुलिस सूत्रों के अनुसार ज्यादा जिलों में पुलिस अधीक्षकों ने जिले के कुख्यात अपराधियों की सूची तैयार कर ली है। इनमें वे लोग भी शामिल हैं, जिनके संबंधी किसी प्रतिबंधित संगठन, आतंकियों से भी रहे हैं। उन्हें भी लिस्टेड किया गया है। इसी तरह कलेक्टरों ने भी सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने वाले, गरीबों की अचल संपत्ति को हथियाने वालों को भी चिह्नित किया है।


राजनीतिक संरक्षण का भी जिक्र
सूत्रों के अनुसार कुख्यात अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण रहता है, लेकिन पुलिस एवं प्रशासन ने जिन अपराधी एवं माफिया को शॉर्ट लिस्ट किया है। उसमें राजनीतिक पहुंच का भी जिक्र किया है। यदि सरकार कार्रवाई का इशारा करती है तो फिर प्रशासन को कार्रवाई में देर नहीं लगेगी। इधर सियासी सूत्रों का कहना है कि उप्र में भाजपा को माफिया विरोधी अभियान का चुनाव में सियासी फायदा मिला था। अगले चुनाव में मुद्दा पिछले चुनावों से अलग होंगे। ऐसे में सरकार अगले एक साल तक प्रदेश में बुलडोजर चलवा सकती है।

पुलिस में चर्चा में जबलपुर की कार्रवाई
प्रदेश में भू माफिया के खिलाफ कार्रवाई कमलनाथ सरकार के समय से चल रही है। शिवराज सरकार के समय में भी कार्रवाई जारी है, लेकिन यह कार्रवाई इंदौर, जबलपुर,बड़वानी समेत एक दर्जन जिलों में देखने को मिली है। ग्वालियर-चंबल संभाग एवं भोपाल संभाग के किसी भी जिले में माफिया विरोधी अभियान चालू नहीं है। पिछले साल जबलपुर में पुलिस ने नामचीन रसखूदार पर कार्रवाई की थी। पुलिस सूत्र बताते हैं कि इसके बाद से जबलपुर में किसी भी ने भी शांति भंग करने की हिम्मत नहीं की। चूंकि दूसरे जिलों में भी ऐसे ही रसूखदारों को लिस्टेड किया गया। लेकिन कार्रवाई के लिए मंत्रालय एवं पीएचक्यू से इशारा मिलने का इंतजार है।

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