
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 03 नवम्बर को होने वाले उपचुनाव को लेकर कहा कि मतदाता इसे पूरी गम्भीरता से लें। आज लोकतंत्र की परीक्षा की घड़ी है। उन्होंने कहा कि उपचुनावों के परिणामों से तय होगा कि उत्तर प्रदेश की राजनीति किस रास्ते पर जाएगी।
अखिलेश ने कहा कि मतदाताओं के लिए यह विकास और विनाश के बीच चुनाव है। एक ओर सौहार्द, सर्वतोमुखी विकास और सभी के सम्मान की सुरक्षा और गारन्टी है तो दूसरी ओर विद्वेष और बदले की राजनीति है।उपचुनावों में सातों सीटों पर जनता ने भाजपा को हराने और समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के उम्मीदवारों को जिताने का मन बना लिया है। अपनी हार के अंदेशे में भाजपा अब सत्ता का दुरुपयोग कर मतदाताओं को भयभीत करने के लिए प्रशासनिक मशीनरी का इस्तेमाल कर रही है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा को लोकतंत्र, लोकलाज और लोकमर्यादा के प्रति कभी आस्था नहीं रही है। वह तो सत्ता पाने के लिए कुछ भी गलत करने में परहेज नहीं करती है। इसलिए उपचुनावों में मतदान की स्वतंत्रता और निष्पक्षता बनी रहे इसके लिए चुनाव आयोग को संवेदनशील क्षेत्रों में केन्द्रीय सुरक्षा बल लगाना चाहिए और आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामलों में कड़ाई बरतनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि उपचुनावों को प्रभावित करने के लिए भाजपा सरकार के मंत्री सम्बन्धित निर्वाचन क्षेत्रों में डेरा डाले हुए हैं। बेसिक शिक्षा मंत्री तो शिक्षकों से सीधे ही भाजपा के पक्ष में मत डलवाने को कह रहे हैं। प्रधानों, कोटेदारों, लेखपालों और पुलिस कर्मियों को धमकी और प्रलोभन देकर भाजपा सरकार मनमानी करने पर उतारू है। लेकिन, भाजपा की नीति, नीयत, चाल और चरित्र से जनता भलीभांति परिचित हो चुकी है। (एजेंसी, हि.स.)
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