बड़ी खबर व्‍यापार

Cait का देशभर में ‘E-Commerce Democracy Day’ का आयोजन रहा सफल

नई दिल्ली। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) (Confederation of All India Traders (CAiT)) के बैनर तले देशभर में गुरुवार को पूरे जोश और उत्साह के साथ व्यापारियों ने ‘ई-कॉमर्स डेमोक्रेसी डे’ (‘E-Commerce Democracy Day’) मनाया गया। कैट ने कोविड-19 के बढ़ते मामले के मद्देनजर दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों में सामूहिक जनसभाओं पर लगे प्रतिबंध का पालन करते हुए इस आयोजन को सफल बनया।

कैट ने विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों की मनमानी, देश के कानून का उलंघन और भारतीय रिटेल सेक्टर पर उनके अनैतिक कब्जे के खिलाफ हमेशा अपनी आवाज़ मुखर करने के साथ-साथ देश के खुदरा व्यापारियो के अस्तित्व की लड़ाई जारी रखी है। इसी के कड़ी के तहत कारोबारी संगठन ने 25 मार्च को देशभर में ‘ई-कॉमर्स डेमोक्रेसी डे’ मनाने का आह्वान किया था। कारोबारियों ने राज्य सरकारों द्वारा जारी गाइडलाइंस का सम्मान करते हुए देशभर में करीब 250 बाजारों में अपनी दुकानों के बाहर खड़े हो कर ‘ई-कॉमर्स डेमोक्रेसी डे’ मनाया और ई-कॉमर्स व्यापार पर विदेशी कंपनियों के कब्जे के खिलाफ अपना विरोध दर्ज किया।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि कैट के आह्वान पर आयोजित ‘‘ई-कॉमर्स डेमोक्रेसी डे’ कोविड के चलते लगे प्रतिबंधो के बावजूद सफल रहा। वहीं, देश के प्रत्येक राज्य के विभिन्न जिलों के जिलाधीशों को स्थानीय व्यापारी संगठनों ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के नाम पर एक ज्ञापन भी सौंपा। खंडेलवाल ने यह भी बताया कि रंगों का त्यौहार होली के अवसर पर आगामी 28 मार्च को अमेजन और फ्लिपकार्ट द्वारा देश के कानून और नीतियों के लगातार उल्लंघन के खिलाफ देशभर में उनके पुतलों को जलाकर अपना गुस्सा और आक्रोश व्यक्त करेंगे। उन्होंने कहा कि हम हम केंद्र सरकार से ये भी मांग करेंगे कि एफडीआई नीति के तहत प्रेस नोट-2 में आवश्यक परिवर्तन करके एक नया प्रेस नोट जल्द जारी किया जाए, जिसमें इसका सख्ती से पालन करने का प्रावधान शामिल हो।

खंडेलवाल ने बताया कि कैट के निरंतर प्रयासों के चलते अब विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के परोक्ष कब्जे से भारत के ई-कॉमर्स व्यापार को मुक्त करना जरूरी हो गया हैं। अन्यथा ये विदेश ई-कॉमर्स कंपनियां स्वयं को ईस्ट इंडिया कम्पनी का दूसरा संस्करण बनाने में देर नहीं लगाएंगी। यदि देश के कानून, नीति और नियमों का ये कंपनियां उल्लंघन करती रहीं और सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की तो देश आर्थिक गुलामी की ओर बढ़ता चला जाएगा। कैट महासचिव ने बताया कि देश के ई-कॉमर्स की विकृत हो चुके प्रकृति की वजह से दिल्ली समेत देश का खुदरा और थोक व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इनमें मोबाइल और मोबाइल एक्सेसरीज़, किराना, मसाले, एफएमसीजी उत्पाद, गिफ्ट आइटम, रेडीमेड गारमेंट्स, फुटवियर, चश्मा, घड़ियां, दवाएं और फार्मेसी, इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्नीचर, होम फर्निशिंग, खिलौने, सब्जियां और ड्राई फ्रूट्स, फूड और ड्रिंक, रसोई उपकरण, बिल्डर्स हार्डवेयर, कार्यालय उपकरण, स्टेशनरी, कागज, और बिजली के सामान आदि प्रमुख हैं। (एजेंसी, हि.स.)

Share:

Next Post

Indo-Bangladesh की नौसेनाओं ने ​समुद्री संबंधों को मजबूत करने पर दिया जोर

Fri Mar 26 , 2021
नई दिल्ली। भारत और बांग्लादेश (India and Bangladesh ) के बीच समुद्री क्षेत्र में​ मौजूदा रक्षा संबंधों को और मजबूत (Strengthen existing defense relations in the maritime sector) कर​ने पर जोर देते हुए​ ​दोनों देशों के नौसेना अधिकारियों ने तीन दिनों तक चर्चा की। गुरुवार को तीन दिवसीय बैठक के समापन पर ​अंतर​राष्ट्रीय समुद्री सीमा […]