डेस्क: पश्चिम बंगाल (West Bengal) विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी (Shubhendu Adhikari) ने बिहार (Bihar) में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) का रविवार (06 जुलाई, 2025) को स्वागत करते हुए कहा कि इसी तरह की कवायद तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) शासित इस राज्य में भी की जानी चाहिए.
निर्वाचन आयोग ने बिहार में अयोग्य नामों को हटाने और सभी पात्र नागरिकों के नाम मतदाता सूची में शामिल करने और उन्हें मतदान में अपने मताधिकार का प्रयोग करने का अवसर प्रदान करने के लिए मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण करने का निर्देश जारी किया है. बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं.
अधिकारी ने बताया, ‘यह एक अच्छा कदम है और इससे पारदर्शिता आएगी. देश में मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने वाले अवैध प्रवासियों की पहचान की जानी चाहिए.’ वहीं भाजपा नेता ने कहा, ‘जिन लोगों ने फर्जी आधार कार्ड और पहचान पत्र के जरिए नामांकन कराया है, उनके नाम मतदाता सूची से हटा दिए जाने चाहिए.’ निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार (04 जुलाई, 2025) को कहा कि बिहार के 7.96 करोड़ मतदाताओं में से लगभग 87 प्रतिशत को राज्य में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के लिए आधे भरे हुए गणना फॉर्म उपलब्ध करा दिए गए हैं.
अधिकारी ने पहले भी कई मौकों पर आरोप लगाया था कि बांग्लादेश से आए घुसपैठियों ने बंगाल की मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करा लिया है. उन्होंने ऐसे घुसपैठियों की पहचान करने और मतदाता सूची से उनके नाम हटाने की मांग की थी. अधिकारी ने कहा, ‘बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान चलाया जाना चाहिए. अवैध तरीकों से फर्जी आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र हासिल करने वाले रोहिंग्याओं का पता लगाया जाना चाहिए.’
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