
रेलवे अफसरों की अनदेखी से इंदौर की शान में लग रहा पलीता
इन्दौर। देश के सबसे साफ-सुथरे इंदौर के मुख्य रेलवे स्टेशन (Indore railway station) पर उगी गाजर घास शहर की शान में पलीता लगा रही है। यह साफ दर्शाता है कि रेल लाइनों के बीच में रेलवे द्वारा बनाए गए बगीचे का ढंग से रखरखाव नहीं हो रहा है और न स्थानीय जिम्मेदार अफसरों को इसकी परवाह है। प्लेटफॉर्म और पटरियों के आसपास की सफाई तो ठीक है, लेकिन जगह-जगह उगी गाजर घास से सुंदरता प्रभावित हो रही है।
यह स्थिति तब है, जब लगभग हर महीने न केवल रतलाम मंडल के डीआरएम (DRM)का दौरा होता है, बल्कि कुछ समय के अंतराल में पश्चिम रेलवे मुंबई या रेलवे बोर्ड का कोई बड़ा अफसर इंदौर रेलवे स्टेशन (Indore railway station) आता रहता है। प्लेटफॉर्म-एक और दो के बीच जहां बगीचा बनाया गया है, वहां शुरुआत से इसका विरोध हो रहा था, क्योंकि इंदौर को पासिंग लाइन की जरूरत है। यही स्थिति प्लेटफॉर्म-तीन और चार के बीच की भी है। वहां से रेलवे ने लाइन उखाडक़र बगीचा बना दिया है, जहां-जहां काफी मात्रा में गाजर घास उग आई है। पर्याप्त रखरखाव नहीं होने से दोनों स्थानों पर गाजर घास उग रही है। आए दिन सोशल मीडिया पर कोई जागरूक नागरिक इसके फोटो शेयर करता रहता है। इंदौर के मुख्य स्टेशन से मुंबई, दिल्ली, हावड़ा, कोचुवैली समेत देश के कई महत्वपूर्ण शहरों की ट्रेनें आती-जाती हैं। दूसरे शहरों से आने वाले लोग जब स्टेशन पर उगी गाजर घास देखते हैं, तो उनके मन में रेलवे और इंदौर की क्या छवि बनती होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। जानकारों का कहना है कि भविष्य में इंदौर में स्टेशन रिडेवपमेंट का काम होना है, जिसके तहत प्लेटफॉर्म-एक और दो व प्लेटफॉर्म-तीन और चार के बीच बगीचे की जमीन का युक्तिसंगत तरीके से उपयोग किया जाना चाहिए। पटरियों के बीच बगीचे का कोई काम नहीं है और वो भी इंदौर जैसे रेलवे स्टेशन पर, जहां जमीन की बेहद कमी है।
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