उम्मीदें मत बढ़ाओ…आक्रोश मत भडक़ाओ… इधर प्रधानमंत्री कल्पना से परे सजा देने का ऐलान कर रहे हैं… अपनों से जुदा हुए परिजनों को हर हाल में न्याय दिलाने का ढांढस बंधा रहे हैं… उनके दो वक्तव्यों से ही देश उम्मीदों से बढक़र अंजाम के बारे में सोचने लगा है… पाकिस्तान में घुसकर मारने और आतंकियों को मिटाने के लिए दिन गिन रहा है… उधर चैनल थोथी चिंघाड़ गुंजा रहे हैं… पाकिस्तान को मेमना बता रहे हैं और देशवासियों को आक्रोश का शेर बना रहे हैं… देश के सारे चैनल रिटायर्ड फौजियों से लेकर नेताओं का मजमा जमा रहे हैं… हम साथ-साथ हैं के नारे लगवा रहे हैं तो चौराहों पर चकल्लस करते लोग चैनलों के माइक के सामने जुबानी तोप चलाते नजर आ रहे हैं…सेना से लेकर सरकार तक को ज्ञान बांटते और घुसकर मारने की ताकत दिखाते नादान शेर दो देशों की संवेदनशीलता को ठिकाने लगा रहे हैं और युद्ध की विभीषिका को मजाक बना रहे हैं…इसी आक्रोश को जहां चैनल अपनी टीआरपी का हथियार बना रहे हैं, वहीं प्रधानमंत्री मोदी के वक्तव्यों से पूरा देश उम्मीदों के शिखर पर जा पहुंचा है…लेकिन हकीकत आक्रोश और उम्मीदों से हटकर कुछ और ही है…भारत और पाकिस्तान दोनों ही देश जहां परमाणु-संपन्न हैं, वहीं पाकिस्तान की ताकत हथियारों से ज्यादा हिमाकतों में है… वहां पगलाए नेताओं और गैरजिम्मेदार सरकार को न अपने देश की चिंता है और न ही अवाम की… कंगाली की हद तक पहुंच चुके पाकिस्तान में न लोकतंत्र है और न ही जनता की चुनी हुई सरकार…दोनों ही स्थितियों के चलते भारत में हुआ आतंकी हमला और भारत का गुर्राना वहां की जबरिया सरकार के लिए वरदान बन गया है…युद्ध के चलते डरे हुए पाकिस्तानी और विरोध करते विपक्षी भी अब सरकार का साथ और समर्थन के लिए मजबूर हो गए…ऐसे में भारत का एक भी सैन्य प्रतिरोध उनके हौसलों और हिमाकतों को बढ़ा देगा… भारत विरोधी चीन जैसे देश जहां पाक के साथ हो जाएंगे, वहीं अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश मध्यस्थ बनने की कोशिश में जुट जाएंगे और दुनिया के सारे देश भारत को कमजोर मानने लग जाएंगे…ऐसे में इस वक्त जोश नहीं होश का हमला होना चाहिए…सीधे हमले के बजाय उन्हीं के देश के लोगों से आतंकियों को मरवाना चाहिए…उनके खिलाफ उसी तरह विद्रोही फौजें बनवाना चाहिए, जैसे बलूचिस्तान में बलूच विद्रोही और पाकिस्तानी कश्मीर में स्थानीय लोग सेना से लोहा ले रहे हैं…पाकिस्तानी फौजियों से लेकर आतंकी भी एक-एक कर मिट रहे हैं… यह वो जख्म है जो पाकिस्तान को घायल तो कर रहा है, लेकिन हमलावर दिख नहीं रहा है…ऐसे में यदि हमलावर का चेहरा पाकिस्तान को मिल जाएगा तो उसे मरहम लगाने चीन जैसा हमारा हर शत्रु खड़ा हो जाएगा…दुनिया में ताकत की तरह उभरते भारत को जंग में जूझते देख हमारा दोस्त हो या दुश्मन हमें उकसाएगा…ऐसे में चैनलवीरों को आक्रोश का पागलपन समेटना चाहिए, वहीं जनता को भी सरकार द्वारा सेना को दी गई खुली छूट और वक्त के साथ लक्ष्य के निर्धारण का इंतजार करना चाहिए…
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