
नई दिल्ली । चेंज ऑफ लैंड यूज (change of land use) सीडी कांड(CD scandal) ने हरियाणा की सियासत(Haryana politics) में एक बार फिर हलचल मचा(stirred up) दी है। एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने गुरुवार को हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह को इस मामले में आरोपी बनाते हुए नारनौल कोर्ट में चालान (आरोपपत्र) पेश किया। 12 साल पुराने इस मामले की जड़ें भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के कार्यकाल से जुड़ी हैं। उस समय राव नरेंद्र सिंह स्वास्थ्य मंत्री थे।
इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने एक स्टिंग ऑपरेशन कर राव नरेंद्र पर सीएलयू के बदले करोड़ों की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था। इनेलो ने स्टिंग का वीडियो और ऑडियो जारी करते हुए एक सीडी लोकायुक्त को सौंपी थी।
स्टिंग में सामने आए थे कई बड़े नाम
लोकायुक्त को शिकायत मिलने के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने मामले की जांच की थी और रिपोर्ट लोकायुक्त को रिपोर्ट सौंपी गई थी। जांच रिपोर्ट आने के बाद जनवरी 2016 में एंटी करप्शन ब्यूरो गुरुग्राम ने मामला दर्ज किया था। चालान में आरोप है कि राव नरेंद्र सिंह ने पलवल में 30 एकड़ जमीन की सीएलयू मंजूरी के एवज में 30 से 50 करोड़ रुपये की मांग की थी। यह बातचीत एक रिकॉर्डिंग में सामने आई थी। रिपोर्ट के अनुसार, उस वक्त इस सीडी कांड में कुल छह नेताओं के नाम सामने आए थे। इस मामले की जांच नारनौल यूनिट के डीएसपी अशोक डागर कर रहे हैं। उन्होंने अतिरिक्त जिला एवं न्यायधीश हर्षाली चौधरी की अदालत में चालान पेश किया।
भाजपा की बौखलाहट है : राव नरेंद्र सिंह
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह ने हिन्दुस्तान से बातचीत में बताया कि यह सब भाजपा की बौखलाहट का परिणाम है। मैं झुकूंगा नहीं, न ही डरूंगा। 12 साल पुराने मामले को फिर से उछालना एक साजिश है। यह सब राजनीतिक लाभ के लिए किया जा रहा है, जबकि मामला न्यायालय में विचाराधीन है। मुझे भारतीय न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है सच्चाई की जीत होगी।
12 साल बाद चार्जशीट
राजनीतिक गलियारों में सवाल उठ रहे हैं कि चालान ऐसे वक्त पर क्यों दाखिल हुआ, जब राव नरेंद्र सिंह को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। विपक्ष इस कार्रवाई को राजनीतिक से प्रेरित बता रहा है। वहीं, भाजपा की ओर से कहा जा रहा है कि भ्रष्टाचार पर कार्रवाई का यह सही समय है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved