
जिनेवा. कांगो (Congo) के पूर्वी हिस्से में बढ़ती हिंसा के चलते जनवरी के अंत से अब तक लगभग 3,000 लोग (3000 people) मारे जा चुके हैं और लगभग उतने ही लोग घायल हुए हैं। लगातार बढ़ती हिंसी को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के शीर्ष मानवाधिकार निकाय (Human rights bodies) ने शुक्रवार को आपातकालीन सत्र बुलाया।
आपातकालीन सत्र के दौरान कांगो की सरकार ने 47 देशों के समर्थन से मानवाधिकार परिषद से रवांडा और एस23 विद्रोहियों को मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए जिम्मेदार ठहराने और क्षेत्र में मानवाधिकार हनन की जांच करने के लिए एक तथ्य-खोज मिशन बनाने का आग्रह किया।
गुटेरेस ने मध्यस्थता पर दिया जोर
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने विद्रोहियों से अपनी बंदूकें रखने और मध्यस्थता के लिए सहमत होने का आह्वान किया। मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने कहा कि हिंसा में लगातार वृद्धि के कारण कांगो में हालात बहुत गंभीर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही कुछ नहीं किया गया, तो यह संकट कांगो के पूर्वी हिस्से के निवासियों के लिए और बढ़ सकता है, और इस क्षेत्र में खनिजों की विशाल संपत्ति को लेकर और भी तनाव हो सकता है। साथ ही तुर्क ने यह भी कहा कि कांगो के लोग दशकों से अत्याचारों का सामना कर रहे हैं।
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