
नई दिल्ली । हरियाणा (Haryana) प्रदेश में अध्यक्ष (State President) बदलने के बाद कांग्रेस पार्टी (Congress Party) अब दो और राज्यों, राजस्थान और गोवा (Rajasthan and Goa) में प्रदेश अध्यक्ष में बदलाव कर सकती है और इसमें अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय के नेतृत्व को अवसर मिल सकता है। पार्टी ने हाल ही में हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान वरिष्ठ नेता राव नरेंद्र सिंह को सौंपी है।
इसके अलावा पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को हरियाणा कांग्रेस विधायक दल का नेता नियुक्त किया है। अब पार्टी राजस्थान और गोवा के नए प्रदेश अध्यक्ष पद पर नियुक्तियों पर गहराई से विचार कर रही है।
राजस्थान में प्रदेश अध्यक्ष के लिए जिन नामों पर चर्चा हो रही है उसमें छत्तीसगढ़ के कांग्रेस पार्टी प्रभारी महासचिव सचिन पायलट, मध्य प्रदेश के प्रभारी हरीश चौधरी और अशोक गहलोत सरकार में मंत्री रह चुके और हिंडोली से पार्टी विधायक अशोक चांदना का नाम शामिल हैं। सूत्रों की मानें तो पायलट इस रेस में अभी सबसे आगे हैं। ओबीसी समुदाय से आने वाले पायलट पहले भी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गोवा में गिरीश चोडणकर को पार्टी अपना नया प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है। चोडणकर अभी पार्टी के तमिलनाडु और पुडुचेरी के प्रभारी हैं। ओबीसी समुदाय से आने वाले चोडणकर पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के काफी करीबी माने जाते हैं।
उल्लेखनीय हैं कांग्रेस पार्टी अपने संगठन में लगातार बदलाव कर रही है। राज्यों के चुनाव को देखते हुए नए प्रयोग भी किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में संगठन सृजन अभियान भी चलाया जा रहा है, जिसमें प्रदेशों में नए जिला अध्यक्ष नियुक्त किए जा रहे हैं।
हरियाणा में चुनाव के एक साल बाद नियुक्तियां
हरियाणा में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के करीब एक साल बाद ये नियुक्तियां की गई हैं। पिछले साल अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी 90-सदस्यीय विधानसभा में 48 सीट के साथ लगातार तीसरी बार सरकार बनाने में सफल रही तो कांग्रेस को 37 सीट मिलीं। कांग्रेस ने इन नियुक्तियों के माध्यम से जाट और ओबीसी गठजोड़ को भी लक्ष्य बनाया है।
राव नरेंद्र सिंह ने उदय भान का स्थान लिया है। अहीर जाति से ताल्लुक रखने वाले राव नरेंद्र सिंह तीन बार विधायक और हुड्डा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं।
विधायक दल का नेता होने के चलते हुड्डा राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष होंगे। पिछली विधानसभा में भी उन्होंने यह भूमिका निभाई थी। हरियाणा की राजनीति में दिग्गज जाट नेता की हैसियत रखने वाले हुड्डा दो बार मुख्यमंत्री, चार बार नेता प्रतिपक्ष, चार बार सांसद और छह बार विधायक रहे हैं। वह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
हरियाणा में करीब दो दशक बाद किसी गैर-दलित नेता को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई। इससे पहले भजन लाल वैसे प्रदेश अध्यक्ष थे, जो गैर-दलित थे। उन्हें 2006 में इस भूमिका से मुक्त कर दिया गया था। भजन लाल के बाद फूलचंद मुलाना, अशोक तंवर, कुमारी सैलजा और उदय भान अध्यक्ष रहे, जो सभी दलित हैं।
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