नई दिल्ली । कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल (Kapil Sibbal) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि पिछले साल पूरी तरह से सांप्रदायिक टिप्पणी करने के बावजूद केंद्र सरकार इलाहाबाद हाई कोर्ट (allahabad high court) के जज जस्टिस शेखर कुमार यादव (Judge Justice Shekhar Kumar Yadav) को बचाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने सवाल किया कि राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने जस्टिस यादव के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए दिए गए नोटिस पर अब तक कोई कदम क्यों नहीं उठाया?
वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल ने कहा कि पूरे मामले में पक्षपात की बू आती है क्योंकि एक तरफ राज्यसभा के महासचिव ने भारत के प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखकर कहा कि यादव के खिलाफ आंतरिक जांच को आगे न बढ़ाएं क्योंकि उच्च सदन में उनके खिलाफ एक याचिका लंबित है, जबकि जस्टिस यशवंत वर्मा के मामले में उन्होंने ऐसा नहीं किया।
छह महीने बीत गए, कोई कदम नहीं उठाया
सिब्बल ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है और जब संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति, जो पदानुक्रम में दूसरे नंबर पर है, छह महीने में संवैधानिक दायित्वों को पूरा नहीं करता है तो सवाल उठना लाजमी है। उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘13 दिसंबर, 2024 को हमने राज्यसभा के सभापति को जस्टिस शेखर यादव के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस दिया था। इस पर 55 सांसदों के हस्ताक्षर थे। छह महीने बीत गए, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया।’’
जस्टिस शेखर यादव को बचाने की कोशिश हो रही
सिब्बल ने कहा, ‘‘मैं उन लोगों से पूछना चाहता हूं जो संवैधानिक पदों पर बैठे हैं, उनकी जिम्मेदारी केवल यह सत्यापित करना है कि हस्ताक्षर हैं या नहीं? क्या इसमें छह महीने लगने चाहिए?’’ उन्होंने कहा कि एक और सवाल उठता है कि क्या यह सरकार ‘‘पूरी तरह से सांप्रदायिक’’ टिप्पणी करने वाले जस्टिस शेखर यादव को बचाने की कोशिश कर रही है।
जस्टिस वर्मा के खिलाफ लाए जा रहे महाभियोग प्रस्ताव का विरोध
इसके साथ ही सिब्बल ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ लाए जा रहे महाभियोग प्रस्ताव का विरोध करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह राज्यसभा के सभापति ने जस्टिस शेखर यादव के खिलाफ इन-हाउस जांच को चिट्ठी लिखकर रुकवा दिया, उसी तरह से जस्टिस वज्र्मा के मामले में क्यों नहीं किया। सिब्बल ने कहा, “आपने जस्टिस वर्मा के खिलाफ इन-हाउस जांच पर पत्र क्यों नहीं लिखा? तो क्या यह सरकार शेखर यादव को बचाना चाहती है, हमें लगता है कि वे उसे बचाना चाहते हैं।”
सरकार न्यायपालिका को कंट्रोल करने की कोशिश कर रही
बता दें कि जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ संसद के आगामी मॉनसून सत्र में महाभियोग लाने की तैयारी हो रही है। इसके लिए केंद्रीय मंत्री किरेण रिजिजू कई सांसदों और वकीलों से भी रायशुमारी कर रहे हैं। इस बीच सिब्बल ने कहा है कि अगर केंद्र सरकार जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाती है तो उसका विरोध करेंगे क्योंकि यह पूरी तरह से पक्षपाती और असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो न्यायपालिका के लिए बड़ा खतरा होगा क्योंकि सरकार न्यायपालिका को कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है।
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