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Corona JN.1 Variant: कोरोना का नया वैरिएंट जेएन.1 का डर, कब लगेगी वैक्सीन की चौथी डोज?

नई दिल्‍ली (New Delhi)। जैसे ही सर्दियाँ शुरू होती हैं, श्वसन संक्रमण (respiratory infection) का बढ़ना एक मौसमी मानक है, हालाँकि, वर्तमान परिदृश्य रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (rsv), एवियन इन्फ्लूएंजा के संगम और जेएन.1 के उद्भव के साथ और अधिक जटिल हो गया है, जो कि COVID-19 के लिए जिम्मेदार SARS-CoV-2 का एक उप-संस्करण है।

कोरोना का नया वैरिएंट जेएन.1 (JN.1 Variant) देश में चिंता बढ़ाता जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बार फिर राज्यों को सतर्क रहने के निर्देश दिए। नए वैरिएंट जेएन.1 की गंभीरता को देखते हुए हर कोरोना पॉजिटिव केस के सैंपल सेंटर की लैब तक पहुंचाने को कहा है। देश में मौजूदा हालातों को देखते हुए सरकार ने बड़ा अपडेट दिया है। बताया है कि क्या इस संकट में लोगों को वैक्सीन की चौथी डोज की जरूरत है? और अगर है तो वैक्सीन की चौथी डोज कब तक लगेगी! उधर, सीरम इंस्टीट्यूट ने ओमिक्रॉन के इस नए वैरिएंट से लड़ने के लिए नई वैक्सीन पर काम करना शुरू कर दिया है।

सर्दियों के साथ ही कोरोना ने एक बार फिर मुश्किल खड़ी कर दी है। इस बार कोरोना जेएन.1 वैरिएंट के साथ लोगों के बीच आया है। यह ओमिक्रॉन का सब वैरिएंट है, जो सबसे पहले सिंगापुर में पकड़ा गया। सिंगापुर के बाद चीन और अमेरिका के साथ यह दुनिया के 40 से ज्यादा देशों में लोगों को अस्पताल पहुंचा चुका है। WHO ने भी इसे खतरनाक बताते हुए ‘इंटरेस्ट ऑफ वैरिएंट’ का टैग दिया है।



वैक्सीन की चौथी डोज
भारत SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के प्रमुख एनके अरोड़ा ने बताया कि जेएन.1 वैरिएंट का देश में मिलता चिंताजनक जरूर है लेकिन, मामलों में वृद्धि और इस नए वैरिएंट के बढ़ते केसों को देखते हुए अभी यह कहा जा सकता है कि टीके की चौथी बूस्टर खुराक की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा, “केवल 60 वर्ष से अधिक आयु के वे लोग जिन्हें सांस लेने में दिक्कत समेत अन्य गंभीर बीमारियां हैं और उच्च जोखिम वाले मरीज एहतियाती तौर पर तीसरी खुराक ले सकते हैं, अगर उन्होंने वह खुराक नहीं ली है। फिलहाल आम लोगों को चौथी डोज की जरूरत नहीं है। हम लोगों को बिना घबराते हुए सावधानी बरतने की सलाह देते हैं।”

कहर बरपा रहा जेएन.1 वैरिएंट
एनके अरोड़ा ने कहा कि यह नया वैरिएंट ओमिक्रॉन का सब वैरिएंट है, जो दुनियाभर के कई देशों में तेजी से अपना असर दिखा रहा है और लोगों को बहुत बीमार कर रहा है, लेकिन, किस्मत से ओमिक्रॉन के नए सब वेरिएंट ने भारत में उतना अधिक असर नहीं दिखाया है। इससे अधिक गंभीर बीमार हुए किसी भी मरीज के अस्पताल में भर्ती होने की कोई सूचना नहीं है।”

अरोड़ा ने इस नए वैरिएंट के लक्षणों पर भी बात की। उन्होंने कहा, “JN.1 सब वैरिएंट के लक्षणों में बुखार, नाक से पानी आना, खांसी, कभी-कभी दस्त और गंभीर शरीर दर्द शामिल हैं , जो आमतौर पर एक सप्ताह के भीतर ठीक हो रहा हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले ही राज्यों को टेस्टिंग बढ़ाने के निर्देश दिए हैं और कोरोना पॉजिटिव आने पर नमूने आगे भेजने के भी आदेश दिए हैं।”

गौरतलब है कि रविवार को अपडेट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में एक दिन में 656 कोरोना केस सामने आए। इसके बाद एक्टिव केस बढ़कर 3,742 हो गए हैं। 24 घंटे की अवधि में केरल में एक नई मौत के साथ मरने वालों की संख्या 5,33,333 दर्ज की गई है।

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