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Corona: देश में अभी लॉकडाउन जैसे कड़े प्रतिबंधों के लागू होने की संभावना नहीं

December 25, 2022

नई दिल्ली। कोरोना (corona) की नई लहर (fear of new wave) की आशंका के चलते केंद्र सरकार (central government) ने पिछले तीन-चार दिनों के दौरान इससे निपटने के उपायों की समीक्षा की है और राज्यों को नए सिरे से दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सरकारी सूत्रों ने कहा कि अभी नजर कोरोना संक्रमणों (corona infections) की दर की तीव्रता और जीनोम सिक्वेंसिंग (genome sequencing) के नतीजों पर है। इसलिए तत्काल कड़े प्रतिबंधों के लागू होने की संभावना नहीं है। यह देखा जाएगा कि संक्रमणों में गुणात्मक बढ़ोत्तरी तो नहीं हो रही है। यदि ऐसा रुझान दिखता है तो समय के अनुसार प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।


सरकार की तैयारियों को देखकर लोग आशंकित और सतर्क भी हो रहे हैं। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि सावधानी जरूरी है और अभी डरने की जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार रोज टेस्ट बढ़ने के साथ संक्रमितों की संख्या में इजाफा तो होगा लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह है कि यह बढ़ोत्तरी गुणात्मक रूप में तो नहीं हो रही है। यानी हर दिन संक्रमितों की संख्या में दोगुना या इससे अधिक का इजाफा तो नहीं हो रहा है। क्योंकि कोविड की पूर्व में जब भी तीन लहरें आई हैं तो संक्रमण इसी तेजी से बढ़े हैं और डेढ़ महीनों के भीतर वह लाखों में जा पहुंचे हैं।

1.25 लाख टेस्ट रोजाना
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार अभी देश में औसतन सवा लाख कोरोना टेस्ट हो रहे हैं और रोजाना मिलने वाले संक्रमितों की संख्या दो सौ से भी नीचे है। संक्रमण दर 0.15 फीसदी या इससे नीचे है। जब से देश में कोरोना महामारी शुरू हुई है, तब से यह दर न्यूनतम है। इसलिए अभी चिंता की कोई बात नहीं है। अभी जो भी उपाय हो रहे हैं वह चीन समेत कुछ अन्य देशों में बढ़ते मामलों को देखते हुए कोरोना प्रबंधन तंत्र को सक्रिय करने के लिए हो रहे हैं। क्योंकि भारत ने पिछले दो सालों में महामारी के दौरान इस तंत्र को बेहद मजबूत किया है। इसमें निगरानी, जांच, जीनोम सिक्वेंसिंग, अस्पतालों में लाइफ सपोर्ट सिस्टम, आक्सीजन की उपलब्धता आदि प्रमुख है।

जीनोम सिक्वेंसिंग
दूसरी कोशिश यह है कि ज्यादातर मामलों की जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जाए। इससे कोविड के किसी नये वेरिएंट का समय रहते पता लगेगा। अल्फा, डेल्टा और ओमिक्रोन वेरिएंट और इसके कई उप प्रकार यहां मौजूद हैं तथा उनके खिलाफ भारतीयों में प्रतिरोधक क्षमता आ चुकी है। यहां तक कि चीन में कहर फैला रहे ओमिक्रोन के बीएफ.7 सब वेरिएंट से भी खतरा नहीं है। यह भारत में जुलाई से मौजूद है। लेकिन यह आशंका बराबर है कि यदि इनसे ज्यादा संक्रामक नया वेरिएंट जन्म लेता है तो फिर खतरा बढ़ सकता है।

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