
वाराणसी। ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) मामले में अजय कुमार मिश्रा (Ajay Kumar Mishra) को कोर्ट कमीशन से हटा दिया गया है। गैरजिम्मेदाराना कृत्य और सहयोग न करने का आरोप में उनको हटाया गया है। बाकी दोनों कमिश्नरों को दो दिन की मोहलत मिली है। वहीं दीवार गिराने वाली अर्जी पर कल फैसला होगा। तालाब से मछली हटाने पर भी कल निर्णय आएगा। इसके साथ ही सर्वे टीम को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो दिन की मोहलत मिल गई है। अदालत में जब सर्वे कमीशन की रिपोर्ट पेश करने के लिए समय मांगने वाले आवेदन पर दोबारा सुनवाई शुरू हुई तो हिंदू पक्ष के वकीलों ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने के ठीक नीचे मौजूद शिवलिंग (Shivling) तक पहुंचने के लिए पूरब दिशा में एक दरवाजा है लेकिन वहां काफी मलबा पड़ा है, जिसे हटाना चाहिए।
वहीं अधिवक्ता कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा ने अदालत से कहा कि मुझे दीवार खरोंचने का अधिकार नहीं है। साथ ही उन्होंने एक वीडियोग्राफी करने वाले शख्स द्वारा मीडिया से बात करने और मामले के दोनों पक्षकारों द्वारा मीडिया में बयान दिए जाने पर भी आपत्ति जताई है। विशाल सिंह ने सोमवार को भी आवेदन देकर अधिवक्ता आयुक्त अजय कुमार मिश्रा और सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप सिंह पर कमीशन की कार्रवाई में सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया है। उन्होंने नियत तिथि 17 मई को कमीशन की रिपोर्ट देने में असमर्थता भी जताई है। उनके आवेदन पर सिविल जज सीनियर डिवीजन ने दोनों आयुक्तों से स्पष्टीकरण भी मांगा है।
सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने 12 मई को अधिवक्ता आयुक्त अजय कुमार मिश्र के सहयोग के लिए विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह और सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप सिंह को नियुक्त किया है। इसके बाद 14 मई से कमीशन की कार्रवाई शुरू हुई और 16 मई को पूरी हुई है। इस दौरान ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिलने के बाद अदालत ने उस परिसर को सील करने का आदेश दे दिया। ऐसे में माना जा रहा था कि कमीशन की रिपोर्ट मंगलवार को न्यायालय में प्रस्तुत होगी। मगर, विशेष अधिवक्ता आयुक्त के आवेदन के बाद कमीशन की रिपोर्ट के लिए इंतजार और बढ़ गया है। उधर, दोनों अधिवक्ता आयुक्तों के जवाब पर भी लोगों की निगाहें हैं।
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