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इन दो चीजों का सेवन स्‍पर्म काउंट के लिए बेहद खतरनाक, आप भी जरूर जान लें


पुरुषों का लगातार गिरता स्पर्म काउंट बड़ी चिंता का विषय बन गया है। पर्यावरण और महामारी विशेषज्ञ और न्यू यॉर्क सिटी में स्थित इकान स्कूल ऑफ मेडिसिन की प्रोफेसर शैना स्वान ने भी इस पर चिंता जाहिर की है। प्रोफेसर स्वान का अनुमान है कि यदि इंसान का स्पर्म काउंट इसी तरह गिरता रहा तो 2045 में ये शून्य हो जाएगा।

इस पूरी चर्चा की शुरुआत आयरलैंड में IVF से जुड़ी सुविधा दे रहे वाटरस्टोन क्लीनिक के लैबोरेटरी मैनेजर डॉ. टिम डिनीन ने की। डॉ. डिनीन का कहना था कि अब वो वक्त आ चुका है जब हमें मेल इंफर्टिलिटी (पुरुषों में बांझपन की समस्या) पर खुलकर बात करनी चाहिए।

अपनी नई किताब ‘काउंट डाउन’ में प्रोफेसर स्वान ने लाइफस्टाइल (Lifestyle) में बदलाव को हार्मोन इम्बैलेंस और इंडोक्राइन सिस्टम को खराब करने के लिए कैमिकल्स को जिम्मेदार ठहराया है। ध्यान देने वाली बात ये है कि उन्होंने मोटापा, धूम्रपान और गांजा जैसे नशीले पदार्थों के सेवन को भी इसके लिए खतरनाक माना है।

डॉ. डिनीन के मुताबिक, लोगों को अपनी लाइफस्टाइल और स्पर्म की क्वालिटी-क्वांटिटी के बीच संबंध को लेकर जागरुक रहना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि बॉडीबिल्डिंग (bodybuilding) के लिए इस्तेमाल होने वाले स्टेरॉयड और नशे के लिए इस्तेमाल होने वाला गांजा स्पर्म काउंट के सबसे बड़े दुश्मन हैं।



डॉ. डिनीन ने कहा, ‘अगर आप गांजे का बहुत ज्यादा सेवन करते हैं तो ये आपके स्पर्म काउंट और स्पर्म मोटिलिटी को घटा सकती है। हालांकि ये रिवर्सिबल है। यानी कुछ जरूरी कदम उठाकर इसे दुरुस्त किया जा सकता है।’ उन्होंने बताया कि गांजे की तरह स्टेरॉयड (steroids) भी इंसान के स्पर्म प्रोडक्शन पर बुरा असर डालता है।

डॉ. डिनीन के अनुसार, यहां सिर्फ ड्रग्स ही नहीं हैं जो किसी पुरुष की स्पर्म क्वालिटी को खराब करते हैं, बल्कि कॉफी और अतिरिक्त गर्मी भी इस समस्या को बढ़ावा दे सकते हैं। फर्टिलिटी एक्सपर्ट (fertility expert) ने कहा कि एल्कोहल, धूम्रपान, मोटापा और बहुत ज्यादा कैफीन भी इनफर्टिलिटी के कारक हो सकते हैं। खासतौर से ऐसे समय में जब फर्टिलिटी काउंट पहले ही खराब कंडीशन में हो।

उन्होंने बताया कि कम तापमान के लिए हमारे अंडकोष शरीर से बाहर होते हैं। अगर आप पैरों पर लैपटॉप रखकर काम करते हैं या टाइट अंडरवियर पहनते हैं तो भी स्पर्म प्रोडक्शन पर इसका बुरा असर पड़ता है।

कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं या कीमोथैरेपी भी स्पर्म प्रोडक्शन पर बुरा असर डालती हैं। हालांकि डॉ। डिनीन ने यह भी कहा कि प्रीमैच्योर सिचुएशन (premature situation)में ऐसा होना जरूरी नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘यदि किसी इंसान की कीमोथैरेपी (chemotherapy) हुई है और इसके तुरंत बाद उसके वीर्य की जांच की जाए तो उसमें स्पर्म नहीं मिलेंगे। इसकी कोई गारंटी नहीं कि ये ठीक हो जाएगा, लेकिन इसके दुरुस्त होने की संभावना काफी अच्छी होती है। इसलिए हम मरीजों को सलाह देते हैं कि वे अपना एक स्पर्म सैंपल फ्रीज करके रखें।’

स्पर्म काउंट को बेहतर करने के लिए डॉक्टर लोगों को हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने की भी सलाह देते हैं। वे लोगों को शराब, सिगरेट छोड़ने और हेल्दी डाइट के साथ नियमित रूप से वर्कआउट करने के लिए कहते हैं। लोगों को अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां (leafy vegetables) और रसीले फलों का सेवन करना चाहिए ।

 

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