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ओलावृष्टि से अंचल में फसल हुई तबाह

ग्वालियर। ग्वालियर अंचल में रविवार की देर रात्रि लगभग 10 बजे गरज और चमक के साथ हुई ओलावृष्टि से अन्नदाता किसानों की फसल तबाह हो गई। सोमवार को जब किसान खेतों में पहुंचे तो फसलें आड़ी पड़ी हुई थीं। बारिश के साथ तेज हवाओं के साथ विकासखंड के आधा दर्जन से अधिक गांवों में गिरे ओलों से खेतों में कटी रखी धान की फसल पूरी तरह से खराब हो गई। 

जानकारी के अनुसार बीती रात अचानक मौसम ने करवट ली और बादल तेज हवाओं के साथ बरसने लगे। देखते ही देखते पानी के साथ ओलावृष्टि शुरू हो गई जिसने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। कड़ी मेहनत से उगाई पकी पकाई धान की फसल ओलों से खराब हो गई। विकासखंड के ग्राम गोहिंदा, रायपुरसानी, जनकपुर, केरुआ, पलायछा, धोवट, आदमपुर, गधोटा, गड़ाजर आदि गांवों में बेमौसम बारिश के साथ गिरे ओलों से किसानों की खेतों में कटी रखी एवं पकी पकाई खड़ी धान की फसन में काफी नुकसान हुआ है। 

बताते हैं कि हुई ओलावृष्टि से  4 से 5 हजार हेक्टेयर खेतों में खड़ी धान की फसल मैं 20 से 25 प्रतिशत का नुकसान होना बताया जा रहा है। ओले गिरने से धान की बालियां टूटकर खेतों में गिर गई हैं। खड़ी धान की फसल खेतों के धराशाही हो गई है। जिससे एक और खेती किसानी का कामकाज भी आठ से 10 दिन के लिए प्रभावित हो गया है। वहीं दूसरी ओर टमाटर, बैंगन, आलू ,धनिया, मिर्ची, पालक, के साथ-साथ कई अन्य सब्जियों की  खेती  ओलों के गिरने के कारण खराब हो गई है। हालांकि जिला प्रशासन द्वारा बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान का आकलन कराने के लिए राजस्व अमले को निर्देशित कर दिया है। 

बारिश से उपार्जन केंद्रों पर भीगे धान के बोरे

वहीं, शासन द्वारा किसानों को धान का वाजिब मूल्य दिलाने के उद्देश्य समर्थन मूल्य पर की जा रही खरीदी के लिए बनाए गए समर्थन मूल्य केंद्रों पर 13 नवम्बर तक किसानों द्वारा समर्थन मूल्य पर धान का विक्रय किया गया लेकिन खुले आसमान के नीचे रखी होने के कारण 18 से 20 हजार बोरा धान के बीती रात हुई बारिश से भितरवार नगर के चारों  वेयरहाउस के बाहर भीग गए हैं। हालांकि पिछले 2 दिन से हो रहे खराब मौसम को देखते हुए खरीद केंद्र प्रभारियों द्वारा त्रिपाल इत्यादि लगाकर खुले आसमान के नीचे रखी धान को बचाने के तमाम प्रयास किए लेकिन तेज हवा और पानी के साथ गिरे ओलों से जो इंतजाम बात किए थे वह भी नाकाफी साबित हुए। जिसके चलते प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति भितरवार, खेड़ा पलायछा,  गोहिंदा, मोहनगढ़ , गढ़ाजर  एवं मार्केटिंग सोसायटी कि किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान खुले आसमान के नीचे रखी होने के कारण भीग गई। (हि.स.)

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