
भोपाल। दक्षिण-पूर्व बंगाल (South-East Bengal) की खाड़ी में सक्रिय चक्रवाती दबाव के कारण मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में अगले चार दिन तक मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। मौसम विभाग के मुताबिक, प्रदेश के कई हिस्सों में कल हल्की बारिश और बिजली चमकने की संभावना बनी हुई है। भोपाल, इंदौर और जबलपुर संभाग के अधिकतर जिलों के लिए बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
मंगलवार को मौसम विभाग ने हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, डिंडोरी, मंडला और बालाघाट जिलों में बारिश के साथ तेज गर्जना का अलर्ट जारी किया। 22 अक्तूबर को चक्रवात का असर और तेज रहेगा। इस दिन इंदौर, भोपाल, राजगढ़, शाजापुर, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, देवास, सीहोर, विदिशा, रायसेन, सागर, नरसिंहपुर, दमोह, जबलपुर और अनूपपुर समेत करीब 30 जिलों में मौसम का मिजाज बदला रह सकता है। 23 और 24 अक्तूबर को भी प्रदेश के दक्षिणी जिलों में हल्की वर्षा की संभावना है।
इससे पहले दिवाली के मौके पर झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, सिवनी, मंडला, बालाघाट और डिंडोरी जिलों में बादल छाए रहे थे। मौसम विभाग के अनुसार अक्टूबर में दिन और रात के तापमान में अंतर देखने को मिलेगा। सुबह-रात में हल्की ठंड रहेगी, जबकि दिन में धूप अपना असर दिखाएगी। कहीं-कहीं बूंदाबांदी हो सकती है। वहीं, नवंबर के दूसरे हफ्ते से ठंड में इजाफा होगा।
पिछले दो दिनों में रात के तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। भोपाल में पारा 17.2 डिग्री, इंदौर में 20.2 डिग्री, उज्जैन में 22, ग्वालियर में 20.5 और जबलपुर में 18 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। कुछ स्थानों पर तापमान 20 डिग्री से भी नीचे रहा। नौगांव (छतरपुर) में सबसे कम 16.3 डिग्री और राजगढ़ में 16.6 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज हुआ।
मौसम विभाग का अनुमान है कि इस बार सर्दियों का असर नवंबर से शुरू होकर फरवरी तक रह सकता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह सर्दी 2010 के बाद की सबसे कड़ाके की ठंड हो सकती है। इस दौरान सामान्य से ज्यादा वर्षा भी हो सकती है। उत्तर-पश्चिम भारत में पश्चिमी विक्षोभ अधिक सक्रिय रहेंगे। इसके साथ ही ला-नीना की स्थिति बनने के संकेत भी मौसम वैज्ञानिकों ने दिए हैं।
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