भोपाल । भारतीय जनता पार्टी अपने शिखर पुरुषों में पण्डित दीनदयाल उपाध्याय को भी एक मानती है, वैसे तो उनके नाम से भाजपा ने प्रदेश की सत्ता में रहते कई योजनाएं शुरू की हैं, लेकिन उनमें जो खास योजना रही वह सीधे गरीबों के पेट से जुड़ी है और जिस गरीब को मुख्य धारा में लाने की बात पं. दीनदयाल उपाध्याय करते रहे हैं, उसके सबसे नजदीक यह योजना ‘दीनदयाल रसोई ‘ है। प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की इसमें रुचि लेने के बाद यह नए स्वरूप में आ रही है। प्रदेश की राजधानी भोपाल में अब कोई गरीब कोरोना के इस संकट काल में भूखे पेट नहीं सोएगा, यहां इसके लिए एक नहीं नए चार स्थान चिन्हित किए गए हैं, जहां कोई भी गरीब 10 रुपए देकर अपना पेट भर सकता है। इसी के साथ ही राजधानी में 05 स्थानों पर भोजन की व्यवस्था होने जा रही है।
हर थाली पड़ेगी 15 रुपए की
इस संबंध में नगर निगम के उपायुक्त विनोद शुक्ला ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि इस बार भोजन की कीमत दोगुनी कर दी गई है। जिसमें अब लोगों को पांच के बजाए दस रुपए में भरपेट भोजन मिलेगा। उन्होंने बताया कि इसके आदेश में संबंधित अधिकारियों को पानी, बिजली आदि व्यवस्थाओं को पूरा करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। इस कार्य के लिए प्रतिथाली 10 रुपए दीनदयाल रसोई संचालित करनेवाली संस्था को भोजन करनेवाले की ओर से व इसमें अतिरिक्त 05 रुपए शासन की ओर से यानी कि कुल 15 रुपए दिए जाएंगे। इसके लिए कोई भी संस्था जो 15 रुपए की थाली दे सके, उसे हमने टेंडर के लिए आमंत्रित किया है । आपका कहना था कि अभी दो लोगों के आवेदन मिले हैं, वे इसे चलाने की इच्छुक हैं, वहीं दो अन्य लोगों के आवेदन भी हमें मिलने जा रहे हैं। फिलहाल शहर में सिर्फ दीनदयाल रसोई का एक सेंटर ही मौजूद है। यह सुल्तानिया अस्पताल के सामने शाहजहांनी पार्क में चल रहा है। जिसे अच्छी सेवा के लिए आइएसओ प्रमाण-पत्र भी मिल चुका है।
राजधानी भोपाल में ये हैं सस्ते भोजन के चार स्थान
श्री शुक्ला ने नए स्थानों के बारे में बताते हुए कहा कि कोलार के सर्वधर्म बी-सेक्टर में गणपति अपार्टमेंट के सामने, करोंद में स्थित नवाब कॉलोनी के सामुदायिक भवन में, गोविंदपुरा क्षेत्र के रत्नागिरी स्वीमिंग पूल के सामने और पुलतीघर बस स्टैंड स्थित यात्री प्रतीक्षालय भवन में इसे और अब संचालित करने की योजना पर काम किया जा रहा है। शीघ्र ही इन सभी स्थानों पर सस्ता भोजन मिलना शुरू हो जाएगा। वास्तव में इस योजना के तहत नई रसोई खोलने के लिए ऐसे स्थानों का चयन किया गया है, जहां गरीबों की अधिक संख्या की पहुंच आसान है और एक तरह से पूरा भोपाल इससे कवर हो जाए ।
यह सस्ती भोजन योजना में देश की सफलत योजना है
वहीं, जनसंपर्क अधिकारी नगरनिगम भोपाल प्रेमशंकर शुक्ला का कहना था कि प्रदेश सरकार द्वारा जो गरीब लोगों को स्वच्छ भोजन उपलब्ध कराने के लिए दीनदयाल सब्सिडी रसोई योजना शुरू की हैं, उसकी थाली में कई व्यंजनों को शामिल किया गया है, जो दोपहर के भोजन और नाश्ते के रूप में भी उपलब्ध है, जिससे कोई भी गरीब आसानी से इस भोजन की थाली को खरीद सके । इनका कहना था कि यह कम कीमतों में स्वच्छ और स्वस्थ भोजन की उपयोगिता की वजह से एक रियायती भोजन योजना है जो भारत में बहुत हद तक सफल रही है । इसके साथ ही बताया जा रहा है कि इन नई दीनदयाल रसोई का एकसाथ ई उद्घाटन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिसंबर के पहले हफ्ते में करेंगे।
दीनदयाल रसोई चलाने के पीछे का ये है उद्देश्य
दरअसल, दीनदयाल कैंटीन योजना का उद्देश्य गरीब एवं श्रमिक वर्ग को स्वस्थ और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है। यदि गरीब मजदूरी करने वाले लोग जैसे रिक्शा चालक, मजदूर और अन्य कर्मचारियों को स्वस्थ भोजन प्राप्त होगा तो वे अपने समाज, प्रदेश और राष्ट्र को अपनी बेहतर सेवाएं दे सकेंगे।
वहीं, मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने इस बात का अहसास है कि गरीब लोग उचित भोजन ना मिल पाने की वजह से कुपोषण का शिकार हो रहे हैं, जिसे हर हाल में रोकना होगा, इसलिए सरकार ने गरीबों को स्वस्थ भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह योजना बनाई है । वह लोग जो सुबह के नाश्ता से अपने दोपहर का भोजन और रात को भोजन की भूख मिटाते हैं, ऐसे सभी लोग अब भोजन के लिए ज्यादा दूर नहीं भटकेंगे, बल्कि वह इस योजना के माध्यम से अपने आस-पास ही कम भाव में दोनों समय पेटभर खाना खा सकेंगे ।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में सबसे पहले इसे 07 अप्रैल 2017 में शिवराज सरकार द्वारा मप्र में गरीब लोगों को रियायती दरों पर यानी पांच रुपए में पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए शुरू किया गया था। फिलहाल कम कीमतों में स्वच्छ और स्वस्थ भोजन की उपयोगिता को ध्यान में रखकर मप्र के अलावा ऐसी ही रियायती भोजन की योजना कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे दक्षिण के राज्यों में भी चल रही है। मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार इसे हर नगरनिगम, नगरीय निकाय, एवं पंचायत क्षेत्रों में भी सफलता से संचालित करने की योजना पर काम कर रही है। (एजेंसी/हि.स.)
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