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CM अशोक गहलोत पर दर्ज हुआ मानहानि का केस, जानिए पूरा मामला

नई दिल्ली। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot) पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Union Jal Shakti Minister Gajendra Singh Shekhawat) ने शनिवार को मानहानि का केस (defamation case) दर्ज कराया है। शेखावत ने यह केस दिल्ली (Delhi) के राउज एवेन्यू कोर्ट में दर्ज कराया है। गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने मेरा और मेरे परिवार का नाम एक ऐसी कोऑपरेटिव सोसायटी के साथ जोड़कर चरित्र हनन किया, जिसका न तो मैं और न ही मेरे परिवार का कोई प्राथमिक सदस्य है। गहलोत ने मेरी दिवंगत मां को अभियुक्त बना दिया। इसके चलते मैंने धारा 500 के तहत मानहानि का मुकदमा दायर किया है।

मानहानि के मुकदमे को लेकर सीएम अशोक गहलोत ने पलटवार किया है। गहलोत ने कहा कि गजेंद्र सिंह शेखावत के मानहानि के केस का हम स्वागत करेंगे, कम से कम इसी बहाने ये केस आगे बढ़ेगा। जिन 2-3 लाख गरीबों के पैसे डूबे हैं उनका पैसा कहां गया? वो खुद मुजरिम हैं, उनकी पत्नी, साला, पिता जी और माता जी का नाम है। उन्होंने कहा कि इन्हें शर्म आनी चाहिए थी, मंत्री बनने के बाद इन्हें आगे बढ़कर लोगों से बात करनी चाहिए थी। ये केस आगे बढ़ेगा तो गरीबों का ये मुद्दा राष्ट्रीय मुद्दा बनेगा। मैं चाहता हूं कि PM मोदी और गृह मंत्री अमित शाह तक ये बात जाए। दरअसल, सीएम गहलोत ने 21 फरवरी को सचिवालय में बजट की समीक्षा बैठक के बाद कहा था कि संजीवनी घोटाले में गजेंद्र सिंह और उनका पूरा परिवार शामिल है। शेखावत ने इसे षडयंत्र बताते हुए इसी मानहानि केस के लिए इसी टिप्पणी को आधार बनाया है।


21 फरवरी को सीएम अशोक गहलोत ने कहा था कि संजीवनी घोटाले में गजेंद्र सिंह, उनके पिता, माता, पत्नी और साले, पांच लोग शामिल हैं। जबकि इस मामले में कुल 50 आरोपी हैं। मुझे तो लगता है कि मोदीजी ने गजेंद्र सिंह को मंत्री कैसे बना दिया? सीएम गहलोत के बयान पर 22 फरवरी को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पलटवार किया था। उन्होंने सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि यह केवल मेरे चरित्र का हनन कर राजनीतिक रूप से कमजोर करने का षडयंत्र है।

उन्होंने बताया कि संजीवननी क्रेडिट कोआपरेटिव सोसायटी पर 23 अगस्त 2019 को केस दर्ज हुआ था। राजस्थान सरकार के अधीन पुलिस ने मामले की जांच की। 2019 से 2023 तक तीन चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। हजारों पन्नों की चार्जशीट न तो मुझे और न ही परिवार के किसी सदस्य को अभियुक्त बनाया गया है। शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री अपने बेटे की हार की खीझ उतार रहे हैं।

दरअसल, संजीव क्रेडिट कोआपरेटिव सोसायटी ने राजस्थान में 211 और गुजरात में 26 समेत पूरे देश में अपनी ब्रांच खोली थी। इसके बाद करीब दो लाख निवेशकों से 953 करोड़ से निवेश कराकर ठगी की। अब तक केस में नरेश सोनी, कार्यकारी अधिकारी किशन सिंह चोली, पूर्व अध्यक्ष देवी सिंह और मुख्य आरोपी विक्रम सिंह इंद्र को गिरफ्तार किया जा चुका है।

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