नई दिल्ली। इंटरनेट पर जालसाजों ने एक बार फिर बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट (digital arrest) के जरिए निशाना बनाया है। इस बार महाराष्ट्र के पुणे में रहने वाली एक महिला को 99 लाख रुपये की चपत लगी है। खास बात है कि इसके लिए जालसाजों ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के फर्जी हस्ताक्षर (fake signature) का इस्तेमाल किया है। खबर है कि महिला LIC यानी भारतीय जीवन बीमा निगम की रिटायर्ड कर्मचारी हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, पुणे सिटी साइबर पुलिस का कहना है कि अक्तूबर में महिला के साथ ये धोखाधड़ी हुई है। खबर है कि महिला कोथरूड की रहने वाली हैं। उन्हें एक शख्स का फोन आया था, जो खुद को ‘डेटा प्रोटेक्शन एजेंसी’ का अधिकारी बता रहा था। उसने आरोप लगाए कि महिला के आधार कार्ड से जुडे़ हुए मोबाइल नंबर का इस्तेमाल संदिग्ध लेन देन के लिए किया जा रहा है।
इसके बाद महिला की बात एक अन्य व्यक्ति से कराई गई, जिसने अपनी पहचान वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के तौर पर कराई और नाम जॉर्ज मैथ्यू बताया। खास बात है कि ये सारी बातचीत वीडियो कॉल के जरिए हो रही थी। आरोपी ने महिला पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए। साथ ही बैंक खाते फ्रीज होने की चेतावनी दी। आरोपियों ने सीतारमण के फर्जी हस्ताक्षर वाला एक दस्तावेज भी दिखा दिया।
रिपोर्ट के अनुसार, महिला से कहा गया कि उनकी उम्र को देखते हुए डिजिटल अरेस्ट में रखा जाएगा। इसके अलावा उन्हें कहा गया कि पूरा पैसा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के खाते में डालना होगा। महिला ने भरोसा कर कई खातों में 99 लाख रुपये की रकम ट्रांसफर कर दी। जालसाजों ने भरोसा बनाए रखने के लिए महिला के सामने ED यानी प्रवर्तन निदेशालय की फर्जी रसीद भी दिखा दी।
ऐसे खुली पोल
बाद में जब महिला ने जालसाजों से बात करने की कोशिश की, तो फोन बंद आए। इसके बाद महिला पुलिस के पास पहुंची और शिकायत दर्ज कराई। जांचकर्ताओं ने बैंक खातों और फोन नंबरों की जांच शुरू कर दी है। इधर, साइबर पुलिस डीसीपी का कहना है कि वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों के दस्तखत दिखाकर धोखाधड़ी करना एक चिंताजनक विषय है।
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