नई दिल्ली। डिजिटल इंडिया मिशन (Digital India Mission) के 10 वर्ष पूरे हो चूके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इसका जश्न मनाते हुए अपने आधिकारिक लिंक्डइन हैंडल (LinkedIn Handle) पर ‘डिजिटल इंडिया का एक दशक’ शीर्षक से एक ब्लॉग साझा किया है। उन्होंने डिजिटल इंडिया के दस वर्षों का सफर बयां किया है। प्रधानमंत्री ने बताया कि किस प्रकार भारत 2014 में सीमित इंटरनेट (Limited Internet) पहुंच और डिजिटल सेवाओं (Digital Services) से 2024 में डिजिटल प्रौद्योगिकी (Technology) में वैश्विक अग्रणी बन गया है।
पीएम मोदी ने कहा कि पहले लोग इस बात पर संदेह करते थे कि भारतीय लोग तकनीक का सही इस्तेमाल कर सकते हैं या नहीं। लेकिन सरकार ने लोगों पर भरोसा किया और अमीरों और गरीबों के बीच की खाई को भरने के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया। आज, डिजिटल उपकरण 140 करोड़ भारतीयों के रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बन गए हैं। शिक्षा और व्यवसाय से लेकर सरकारी सेवाओं तक इसकी पहुंच है। उन्होंने बताया कि 2014 में भारत में करीब 25 करोड़ इंटरनेट कनेक्शन थे। अब यह संख्या 97 करोड़ से ज्यादा हो गई है। हाई-स्पीड इंटरनेट गलवान और सियाचिन जैसे दूरदराज के इलाकों में भी पहुंच गया है। देश का 5जी रोलआउट दुनिया में सबसे तेज है। इसमें सिर्फ दो साल में करीब 5 लाख बेस स्टेशन स्थापित किए गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने यूपीआई जैसे प्लेफॉर्म पर जो दिया। यह अब सालाना 100 अरब से अधिक लेनदेन संभालता है। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के जरिए 44 लाख करोड़ सीधे लोगों को भेजे गए हैं। इससे बिचौलियों को हटाकर लगभग 3.5 लाख करोड़ की बचत हुई है। डीबीटी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी या अन्य लाभ सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा कर दिए जाते हैं, बजाय किसी अन्य माध्यम से।
उन्होंने बताया कि ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स और सरकारी ई मार्केटप्लेस जैसे प्लेटफॉर्म छोटे व्यवसायों को बड़े बाजारों से जोड़कर उन्हें आगे बढ़ाने में कैसे मदद कर रहे हैं। ओएनडीसी ने हाल ही में 200 मिलियन लेन-देन को पार किया है, जबकि जीईएम ने केवल 50 दिनों में 1 लाख करोड़ से ज्यादा की ब्रिकी कर ली है, जिसमें 1.8 लाख से अधिक महिलाओं के नेतृत्व वाले एमएसएमई सहित 22 लाख विक्रेताओं ने 46,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर पूरे किए हैं। स्वामित्व योजना के तहत 2.4 करोड़ से ज्यादा प्रॉपर्टी कार्ड दिए गए हैं और 6 लाख से ज्यादा गांवों का मानचित्रण किया गया है।
ओएनडीसी ,यह एक खुला नेटवर्क है जिसका उद्देश्य भारत में ई-कॉमर्स को बढ़ावा देना है। इसका लक्ष्य एक ऐसा मंच बनाना है जहां खरीदार और विक्रेता किसी भी प्लेटफॉर्म या ऐप का उपयोग करके स्वतंत्र रूप से व्यापार कर सकें, भले ही वे एक ही प्लेटफॉर्म पर न हों। जीईएम,एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जो भारत सरकार द्वारा सरकारी विभागों, संगठनों और सार्वजनिक उपक्रमों को वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के लिए बनाया गया है।
स्वामित्व योजना, जिसे “सर्वेक्षण और ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत तकनीक के साथ मानचित्रण” के रूप में भी जाना जाता है, एक सरकारी योजना है जिसका उद्देश्य ग्रामीण भारत में संपत्ति के मालिकों को कानूनी अधिकार प्रदान करना है। भारत के डिजिटल उपकरण, जैसे आधार, CoWIN,डिजिलॉकर और FASTag अब अन्य देशों द्वारा उपोयग और अध्ययन किए जा रहे हैं। CoWIN ने 220 करोड़ प्रमाणत्र जारी करके दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के प्रबंधन में मदद की, जबकि 54 करोड़ उपयोगकर्ताओं के साथ डिजिलॉकर में अब 775 करोड़ से अधिक दस्तावेज हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अब दुनिया के शीर्ष 3 स्टार्टअप इकोसिस्टम में से एक है, जहां 1.8 लाख से ज्यादा स्टार्टअप हैं। देश आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के मामले में तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत एआई मिशन के जरिए बहुत कम कीमत पर शक्तिशाली एआई टूल तक पहुंच प्रदान कर रहा है। इससे यह डिजिटल इनोवेशन के लिए वैश्विक केंद्र बन गया है।
उन्होंने 1.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के भारत एआई मिशन जैसी पहलों द्वारा समर्थित एआई प्रतिभा में भारत की बढ़ती ताकत पर जोर दिया। उन्होंने लिखा कि भारत ने वैश्विक स्तर पर बेजोड़ कीमतों पर 34,000 जीपीयू तक पहुंच को सक्षम किया है , प्रति जीपीयू घंटे 1 अमेरिकी डॉलर से भी कम है। इससे यह न केवल सबसे सस्ती इंटरनेट अर्थव्यवस्था बन गया है, बल्कि सबसे किफायती कंप्यूट गंतव्य भी बन गया है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved