
इन्दौर। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) के अधिकारियों ने आज सुबह दो-दो पत्नियों (Wives) के पति (Husband) नगर निगम (Municipal council) के राजस्व अधिकारी (Revenue Officer) के तीन आवासों पर छापामार कार्रवाई करते हुए करोड़ों की अनुपातहीन सम्पत्ति का खुलासा किया है। छापे में तीन अलग-अलग क्षेत्रों में बहुुमंजिला मकानों, प्लाट, कृषि भूमि का खुलासा हुआ है।
ईओडब्ल्यू के एसपी रामेश्वर यादव के मुताबिक विभाग को शिकायत मिली थी कि नगर निगम के राजस्व अधिकारी राजेश पिता सत्यनारायण परमार निवासी बिजलपुर ने वेतन से प्राप्त आय से पांच गुना सम्पत्ति कम समय में अर्जित की है। इसकी जांच की गई तो जनकारी सत्य पाई गई। आज सुबह आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के अधिकारियों को लेकर दो अलग-अलग टीमों को छापामार कार्रवाई करने के लिए भेजा गया। एक टीम डीएसपी मधुबीना गौड़ को उनके बिजलपुर स्थित निवास पर छापामार कार्रवाई के लिए भेजा गया, जहां इसकी पहली पत्नी रहती है। यहां सुबह 5 बजे कार्रवाई शुरू हुई। प्रारम्भिक जांच पड़ताल में घर से अलग-अलग बैंकों की पासबुक तथा एलआईसी पॉलिसियां जब्त की गई। वहीं कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज भी अधिकारियों ने जब्त किए है। दूसरी टीम ने डीएसपी नंदिनी शर्मा के नेतृत्व में कनाडिय़ा स्थित घर पर छापामार कार्रवाई की गई। यहां भी आभूषण, नगदी रुपये, कार जब्त हुई हंै। बताया जा रहा है कि यहां राजेश परमार की दूसरी पत्नी रहती है। तीसरा छापा उसके संचार नगर स्थित घर पर डाला गया।
तीन आलीशान मकानों का खुलासा
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने राजस्व अधिकारी ने तीन आलीशान मकानों का पता लगाया है, जिनमें एक मकान कनाडिय़ा, दूसरा बिजलपुर और तीसरा संचार नगर में है। इन मकानों के दस्तावेज भी अधिकारियों ने जब्त किए है। जिस वक्त अधिकारियों ने उक्त भ्रष्ट अधिकारी के आवासों पर छापामार कार्रवाई की तब परिवार के लोग सो रहे थे उन्हें जगाकर कार्रवाई शुरू की गई।
राजेश परमार बेलदार पद से हुआ था भर्ती
राजस्व अधिकारी के बारे में ईओडब्ल्यू अधिकारियों का कहना है कि वह 20 वर्ष पूर्व नगर निगम में बेलदार पद पर भर्ती हुआ था और राजस्व अधिकारी पद तक पहुंचा है, इन्होने वेतन से ज्यादा सम्पत्ति अर्जित कर ली। इस मामले में जानकारी जुटाई जा रही है। लगातार अधिकारी कार्रवाई में लगे हुए है शाम तक बड़ा खुलासा होने की उम्मीद है।
सम्पत्ति कर खातों में भी की थी गड़बड़ी
भ्रष्ट सम्पत्ति कर अधिकारी राजेश परमार की शहर के कई झोनों में कार्यरत रहा है और जहां जहां भी वह रहा है, उसने गड़बड़ी की है। सम्पत्ति कर खातों में जादूगरी करना इसकी आदत में शुमार था, इस तरह इसने काफी बड़ी सम्पत्ति अर्जित कर ली थी। इसकी शिकायत के चलते निगमायुक्त शिवम वर्मा ने भी इसे हाल ही एआरओ के पद से हटाया था।
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