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इटावा: जला दिए गए 5 लाख रुपये के कंडोम… जानें आखिर क्‍या हुआ ऐसा

इटावा. परिवार नियोजन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए यूं तो बहुत कदम उठाए जाते हैं. लेकिन अधिकांश केसेस में अफसरों की लापरवाही के कारण लोग विभिन्न सुविधाओं का लाभ नहीं ले पाते हैं. हाल ही इटावा में अफसरों की लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया. दरअसल परिवार नियोजन के उद्देश्य से सरकार की ओर से सरकारी अस्पतालों को कंडोम दिए गए थे. लेकिन अफसरों नजरअंदाजी के कारण यह कंडोम लोगों तक पहुंच ही नहीं सके और एक्सपायरी डेट निकल गई. ऐसे में आनन फानन में अफसरों ने मामले को दबाने की कोशिश की और कंडोम के डिब्बों को जला दिया लेकिन अफसरों की यह पोल खुल गई. अब अफसर मामले की सफाई देने में जुटे हैं. आइए जानें पूरा मामला क्या है…

समय पर नहीं किया वितरित
दरअसल इटावा मुख्यालय के डा. भीमराव अंबेडकर राजकीय संयुक्त चिकित्सालय में महिला अस्पताल के अधीन एमसीएच विंग में परिवार नियोजन के लिए पांच लाख मूल्य के कंडोम आए थे. लेकिन मेडिकल अफसरों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया और कंडोम की एक्सपायरी डेट निकल गई. कंडोम को समय पर वितरित नहीं किया गया जिससे लाखों का नुकसान हो गया. इस पर मेडिकल अफसरों ने मामले को दबाने के लिए कंडोम को परिसर में रखकर जलवा दिया. अधिकारियों की मिलीभगत से कंडोम को पैकेट से निकालकर उन्हें जलाया गया ताकि मामला दब सके. लेकिन मामले की खबर मीडिया को लग गई. अफसरों की लापरवाही सभी के सामने आ गई. मामला खुलने के बाद अब मेडिकल अफसर अपने बचाव में तरह-तरह की सफाई दे रहे हैं. लेकिन वे लापरवाही का संतोषप्रद जवाब देने में नाकामयाब रहे.



आखिर क्यों रखे हुए थे पैकेट
मामले के सामने आने के बाद से महकमा सवालों के घेरे में घिर गया है. सभी के जेहन में यही सवाल आ रहा है कि आखिर विभाग ने कंडोम का वितरण क्यों नहीं किया? क्यों इतने लम्बे समय तक कंडोम कमरों में पड़े रहने दिया? परिसर में पड़े अधजले कंडोम और डिब्बे व्यवस्था की परतें खोल रहे हैं. किसी तरह सरकारी सुविधाओं को बर्बाद किया जा रहा है. साथ ही आमजन के नाम से आ रही सुविधाओं को लोगों तक पहुंचने ही नहीं दिया जा रहा है.

परिवार खुशहाल दिवस पर क्यों नहीं बांटे गए?
मामले के सामने आने के बाद यह मेडिकल अफसरों से यह पूछा जा रहा है कि उन्होंने परिवार खुशहाल दिवस पर कंडोम का वितरण क्यों नहीं किया. हर महीने की 21 तारीख को इस दिवस का आयोजन किया जाता है. इस मौके पर गर्भ निरोधक सामग्रियों का वितरण महिला और पुरुषों को किया जाता है. लेकिन अफसरों को इसका खयाल नहीं रहा और महिला अस्पताल से करीब 100 कदम की दूरी पर स्थित 100 शैय्या महिला अस्पताल के कमरों में भरे कंडोम बर्बाद हो गए.

दो साल पुराने थे
इस मामले में महिला अस्पताल की सीएमएस डा.कजली गुप्ता का कहना है कि उन्हें 100 शैय्या अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था करनी है. उसके लिए साफ-सफाई कराने के दौरान अस्पताल के कमरों से गर्भ निरोधक सामग्री से भरे डिब्बे मिले, जो एक्सपाइरी डेट के थे. बताया गया कि वे करीब दो साल पुराने हैं. उन्हें डिब्बों से अलग कर बायो मेडिकल वेस्ट में भिजवाकर खाली डिब्बों को आग में जलवा दिया. गुप्ता के अनुसार कोरोना काल के कारण कंडोम का वितरण नहीं हो सका.

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