नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा देश की जनता को संबोधित करते हुए तीन कृषि कानूनों (agricultural law) को वापस लेने का ऐलान किया तो लगा था कि किसान आंदोलन (peasant movement) खत्म हो जाएगा, लेकिन करीब 14 माह से चल रहे किसान आंदोलन को तुरंत खत्म करने के आसार नहीं दिख रहे हैं, क्योंकि जिस तरह किसान संगठनों ने सरकार से साफ कर दिया है, उनकी सबसे अहम मांगों में से एक अभी भी बाकी है। सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)की गारंटी का कानून सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा करनी होती तभी यह आंदोलन समाप्ता होगा अब यहां तक कि यह आंदोलन का बिगुल विदेशों तक में बचने वाला है।
बता दें कि एक से अधिक समय से चले रहे किसान आंदोलन को देखते हुए पीएम मोदी ने तीनों कानूनों को वापस करने का फैसला किया और बकायदा कैबिनेट ने भी मुहर लगा दी है, इसके बाद भी किसान अपने जिद पर अड़े हुए हैं। यहां तक कि आंदोलन से जुड़े किसान एक बार फिर दिल्ली की तरफ कूच कर रहे हैं। उससे पहले आज दिल्ली के तमाम बॉर्डर्स पर किसानों का जुटना शुरू हो गया है। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने से संबंधित विधेयक पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध है।
वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बुधवार को कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा किसानों का आंदोलन अभी खत्म नहीं होगा और आगे की रूपरेखा 27 नवंबर को तय की जाएगी। टिकैत ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के केंद्र सरकार के दावों को लेकर भी प्रदर्शनकारी उससे सवाल करेंगे। टिकैत ने ट्वीट किया, ‘ये आंदोलन अभी खत्म नहीं होगा। 27 नवंबर को हमारी बैठक है जिसके बाद हम आगे के निर्णय लेंगे। मोदी जी ने कहा है कि एक जनवरी से किसानों की आमदनी दोगुनी हो जाएगी तो हम पूछेंगे कि कैसे दोगुनी होगी. किसानों की जीत तब होगी जब उन्हें अपनी फसलों के उचित दाम मिलेंगे।
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