
किसान जिद्दी तो सरकार भी टस से मस नहीं
नई दिल्ली। सरकार और किसान यूनियन के बीच 9वें दौर की बातचीत के पहले कृषि मंत्री नरेन्द्रसिंह तोमर ने स्पष्ट कर दिया कि सरकार तीनों कानूनों को वापस लेने के अलावा उनकी हर मांग पर विचार करने को तैयार है।
आज दोपहर को होने वाली बैठक में सरकार किसानों की कई मांगों को मान सकती है। पिछली बैठक में बिजली बिल ड्राफ्ट और पराली जुर्माने पर सहमति बनी थी। आज और कोई मांगें मानी जा सकती हैं।
राज्यों को सौंप सकते हैं अधिकार
अटकलें यह भी हंै कि सरकार केन्द्र द्वारा बनाए गए तीनों कृषि कानूनों को राज्य सरकार के पाले में डाल दे, जिसमें कानूनों को लागू करना राज्य सरकारों पर निर्भर होगा।
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