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फेसबुक की ‘सीक्रेट ब्लैकलिस्ट’ हुई लीक, भारत के ’10 खतरनाक संगठनों और लोगों’ के नाम भी शामिल

डेस्क: फेसबुक (Facebook) की एक सीक्रेट ब्लैकलिस्ट (Blacklist) लीक हुई है, इसमें कुछ चौंकाने वाले जानकारी सामने आई है. दरअसल, श्वेत वर्चस्ववादी, मिलिट्री राइज्ड सोशल मूवमेंट और कथित आतंकवादी शामिल हैं, जिन्हें फेसबुक खतरनाक मानता है. इस ब्लैकलिस्ट में 4,000 से अधिक लोगों और ग्रुपों की जानकारी है, जिन्हें खतरनाक माना गया है.

इसमें भारत से बाहर मौजूद 10 आतंकवादी, उग्रवादी या चरमपंथी संगठन भी शामिल हैं, जो काफी खतरनाक माने गए हैं. फेसबुक द्वारा अपने प्लेटफॉर्म पर एक्टिव नहीं होने की अनुमति देने वाली ‘डेंजरस इंडिविजुअल्स एंड ऑर्गेनाइजेशन्स’ की लिस्ट को द इंटरसेप्ट (The Intercept) ने मंगलवार को लीक कर दिया.

द इंटरसेप्ट के मुताबिक, हिंदुत्व समूह सनातन संस्था, प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) और नेशनलिस्ट सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (इसाक-मुइवा) उस फेसबुक ब्लैकलिस्ट में शामिल भारत के 10 ग्रुप्स हैं. इसके अलावा, ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स, कंगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी, खालिस्तान टाइगर फोर्स, पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कंगलीपाक भी लिस्ट में हैं.

इंडियन मुजाहिदीन, जैश-ए-मोहम्मद के अफजल गुरु स्क्वाड और भारत और कई देशों में एक्टिव इस्लामिक स्टेट और तालिबान जैसे वैश्विक संगठनों के विभिन्न स्थानीय या उप-समूह सहित कई इस्लामी चरमपंथी और आतंकवादी समूह भी ब्लैकलिस्ट में शामिल हैं.


कंटेंट के संबंध में थ्री-टियर सिस्टम रखता है फेसबुक
आधी से अधिक सूची में कथित विदेशी आतंकवादी शामिल हैं, जो मुख्य रूप से मध्य पूर्व, दक्षिण एशियाई और मुस्लिम हैं. इंटरसेप्ट ने एक्सपर्ट्स के हवाले से कहा कि ये लिस्ट और फेसबुक की पॉलिसी बताती है कि कंपनी हाशिए पर रहने वाले ग्रुप्स पर कठोर प्रतिबंध लगाती है.

फेसबुक में थ्री-टियर सिस्टम है जो बताता है कि कंपनी कंटेंट के संबंध में किस प्रकार की कार्रवाई करेगी. टियर वन के तहत आतंकवादी समूह, हेट ग्रुप्स और आपराधिक संगठन आते हैं, जिन पर सबसे अधिक प्रतिबंध लगाया जाता है. वहीं, सबसे कम प्रतिबंध झेलने वाले टियर थ्री के तहत मिलिट्री राइज्ड सोशल मूवमेंट आते हैं.

फेसबुक ने लिस्ट को लेकर क्या कहा?
इंटरसेप्ट ने कहा, टियर वन में अधिकतर दक्षिणपंथी अमेरिकी सरकार विरोधी मिलिशिया हैं, जो श्वेत हैं. ऐसे में लिस्ट में शामिल किसी भी संगठन को फेसबुक पर एक्टिव रहने की अनुमति नहीं दी गई है. फेसबुक ने लिस्ट की प्रामाणिकता पर विवाद नहीं किया है.

लेकिन एक बयान में कहा है कि लिस्ट को गुप्त इसलिए रखा जाता है, क्योंकि यह क्षेत्र एक प्रतिकूल स्थान है. आतंकवाद विरोधी और खतरनाक संगठनों के लिए फेसबुक के पॉलिसी डायरेक्टर ब्रायन फिशमैन ने कहा, ‘हम अपने प्लेटफॉर्म पर आतंकवादी, हेट ग्रुप्स या आपराधिक संगठन नहीं चाहते हैं. यही वजह है कि हम उन पर प्रतिबंध लगाते हैं और उनकी प्रशंसा, प्रतिनिधित्व या समर्थन करने वाले कंटेंट को हटा देते हैं.’

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