भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

फर्जी अनुमति पत्र तैयार कर हड़प ली आदिवासियों की जमीन, प्रकरण दर्ज

  • रकम के नाम पर निल खाते के थमा दिए चेक, गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी पुलिस

भोपाल। कोलार थाना क्षेत्र में रहने वाले दो आदिवासियों को गुमराह कर भू-माफि या सुनील यादव द्वारा उनकी सात एकड़ जमीन की रजिस्ट्री कराने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोपी भू-माफि या सुनील यादव के खिलाफ पहले से जमीनों के फ र्जीवाड़े व धोखाधड़ी करने के मामले दर्ज हैं। आदिवासियों की जमीन दूसरे वर्ग के लोग नहीं खरीद सकते, इसलिए सुनील ने जिला प्रशासन से आदिवासियों की जमीन बेचने संबंधी फ र्जी अनुमति-पत्र भी रजिस्ट्रार कार्यालय में लगाया गया है। इतना ही नहीं दोनों आदिवासियों को आरोपी ने ग्यारह-ग्यारह हजार रुपए देकर बाकी पैसा बाद में देने का झांसा दिया था। साथ ही निल खाते के चेक थमा दिए थे। सभी चेक बाउंस हो चुके हैं। फरियादी की शिकायत पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया है। घटना की जांच की जा
रही है। कोलार थाना प्रभारी सुधीर अरजरिया ने बताया कि सुनील यादव ने नवंबर 2012 में आदिवासी लखनलाल उइके और एक अन्य की कोलार थाना क्षेत्र में स्थित सात एकड़ जमीन औने-पौनेे दाम में खरीदने का सौदा किया। आरोपी ने दोनों को सिर्फ ग्यारह-ग्यारह हजार रुपए देकर पूरी जमीन के पैसे की पावती ले ली थी। रजिस्ट्री कराने के लिए लगने वाला जिला प्रशासन से जारी होने वाला अनुमति-पत्र भी सुनील यादव ने फ र्जी बनाया था। सुनील ने खुद को पर्दे के पीछे रखते हुए किसी सविता ठाकुर नाम की महिला के नाम पर उक्त सात एकड़ जमीन की रजिस्ट्री कराई है। सविता ठाकुर आदिवासी महिला बताई जाती है। थाना प्रभारी के अनुसार सुनील यादव ने दोनों फ रियादियों को जमीन की रजिस्ट्री कराने के बाद बाकी राशि देने का वादा किया था, जबकि पूरी राशि प्राप्त करने की पावती पहले ले ली थी। रजिस्ट्री कराने के कुछ माह बाद आरोपी द्वारा आदिवासियों जमीन की कीमत के बदले दिए गए चेक एक-एक कर बाउंस होने लगे। इसके बाद आरोपी ने पैसे देने से मना कर दिया। कई साल तक फ रियादी उससे पैसे देने या जमीन वापस करने के लिए संपर्क करते रहे, लेकिन उसने पैसे नहीं दिए। इसे बाद उन्होंने शिकायत की थी। शिकायत जाचं के बाद सुनील यादव के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है।

महिला पर भी दर्ज होगा मुकदमा
पुलिस सूत्रों के अनुसार इस पूरे फ र्जीवाड़े में सविता ठाकुर नाम की महिला भी शामिल है, जिसके नाम से सात एकड़ जमीन की रजिस्ट्री कराई गई है। अभी सिर्फ सुनील यादव को पुलिस ने आरोपी बनाया है, लेकिन जांच में उसकी भूमिका भी संदिग्ध आ रही है। जांच के बाद पुलिस सविता ठाकुर को धोखाधड़ी में आरोपी बनाने जा रही है। वहीं आरोपी के गिरफ्तारी के प्रयास भी किए जा रहे हैं। इधर आदिवासियों की जमीन को जिला प्रशासन की फ र्जी अनुमति-पत्र लगाकर रजिस्ट्री कराने को प्रशासन ने भी गंभीरता से ले रहा है। बताया जाता है कि जिला प्रशासन भू-माफि या सुनील यादव की संपत्ति और मकानों की जानकारी जुटाना शुरू कर दिया है। जल्द ही आरोपी के खिलाफ प्रशासन बड़ी कार्रवाई कर सकता है।

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