
खंडवा: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के खंडवा जिले (Khandwa District) में किसानों (Farmers) के हक की खाद (Fertilizer) पर बड़ा घोटाला उजागर हुआ है. सहकारी बैंक और ट्रांसपोर्ट कंपनी के कर्मचारियों ने मिलकर हजारों बोरियां ब्लैक में बेच दीं. यह खाद समितियों तक पहुंचनी थी, लेकिन रास्ते में ही बाजार में खपा दी गई. अब यह मामला खुलने पर किसानों में गुस्सा और प्रशासन में हड़कंप है. जांच में सामने आया कि करीब 3000 बोरियां समितियों तक पहुंचने से पहले ही बेच दी गईं. जबकि दस्तावेजों में फर्जी बिल्टी, सील और हस्ताक्षर कर सप्लाई दिखाई गई. आरोपियों ने फर्जी बिल्टी और नकली सीलों का इस्तेमाल करके कंपनियों को गलत रिपोर्ट दी.
किसान संगठन सालों से चल रहे इस भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे थे. इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को रिमांड पर लिया है और पूछताछ कर रही है. उम्मीद है कि जांच में और भी कई बड़े नाम सामने आएंगे. गुयड़ा, बीड़, देवली कलां और सोमगांवखुर्द समितियों को खाद नहीं मिली. लेकिन रिकॉर्ड में स्टॉक पूरा दिखा दिया गया. किसानों का कहना है कि वे लंबे समय से खाद की कमी से परेशान थे. अब खुलासा हुआ कि यह कमी प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि सुनियोजित कालाबाजारी का नतीजा थी. संयुक्त कृषक संगठन ने आरोप लगाया कि यह खेल वर्षों से चल रहा है. संगठन के अध्यक्ष नरेंद्र पटेल का कहना है कि बैंक और ट्रांसपोर्ट के कर्मचारी मिलीभगत से किसानों को मिलने वाली खाद बीच में ही बेचते रहे.
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