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2023 की पांच बड़ी चुनौतियां, जिन पर है दुनिया की नजर

कीव (Kyiv)। दुनिया के लिए वर्ष 2022 कई उतार चढ़ाव के साथ गुजर गया। दुनिया आर्थिक संकट (sound of economic crisis) की आहट के बीच नई चुनौतियों (new challenges) और नए तरह के संकट के साथ 2023 में प्रवेश कर चुकी है। तो आइए जानते हैं इस साल की पांच चुनौतियों (five challenges of the year) के बारे में जिनपर दुनिया की नजर रहेगी।

1. रूस- युक्रेन युद्ध का इस साल क्या असर होगा?
रूस- यूक्रेन (Russo-Ukrainian War) के बीच चल रही जंग के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की सेना आक्रामक रूख अपना सकती है। मॉस्को पर किसी तरह के हमले से हालात बिगड़ेंगे। रूस परमाणु हथियारों की धमकी दे सकता है। यूक्रेन को दोबारा संवारना भी चुनौती होगी। यूक्रेन के सहयोगी देशों को उसे आर्थिक मदद पहुंचाने के साथ उसे दोबारा संवारना पहाड़ चढ़ने जैसा होगा। शरणार्थियों की भीड़ से भी सहयोगी देशों और संगठनों की चुनौती बढ़ेगी।


2.अफगानिस्तान में मानव संकट का क्या असर?
रूस- यूक्रेन युद्ध के बीच दुनिया ने अफगानिस्तान को उसके हाल पर छोड़ दिया है। तालिबान की वापसी के बाद 35 लाख लोग बेघर हो चुके हैं। 2.4 करोड़ लोगों का जीवन मानवीय सहायता पर निर्भर है। सूखे और भूकंप के झटकों से अफगानिस्तान की हालत और खराब हो गई है। लड़कियों को उच्च शिक्षा से वंचित रखने का तालिबानी फैसले के साथ लोगों को खुलेआम सजा दी जा रही है। ये वैश्विक अस्थिरता का कारण बन सकता है।

3.दुनिया में आर्थिक संकट का सबपर असर होगा?
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने स्पष्ट कहा है कि इस साल पूरा यूरोजोन आर्थिक संकट से गुजरेगा। रूस- यूक्रेन युद्ध के बीच ऊर्जा संकट से जूझ रहे यूरोपीय देशों के लोगों को दैनिक खर्च के लिए भी जूझना पड़ेगा। अमेरिका अर्थव्यवस्था की गति भी धीमी रहेगी। इसका नुकसान भारत को भी भुगतना होगा। दुनिया के कई देशों को अपने उत्पादों का निर्यात कर रहे भारत की आर्थिक स्थिति पर बुरा प्रभाव देखने को मिल सकता है।

4.क्या ताइवान 2023 का बड़ा केंद्र बन सकता है?
चीन ने वर्ष 2022 में ताइवान पर अपना जोर दिखाया था। अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद बीजिंग की ताइवान के साथ अमेरिका से भी तनातनी देखी गई थी। ताइवान अमेरिकी मदद के जरिए चीन से लड़ने को तैयार था लेकिन चीन ने कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देख इस तरह के किसी विवाद में उलझने का फैसला नहीं किया था। अमेरिका ने ताइवान को हजारों करोड़ की लागत के हथियार भी मुहैया कराया था।

5.अमेरिका और चीन में टेक वॉर के मायने?
अमेरिकी ने चीन को आधुनिक तरह की तकनीक के निर्यात पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं। चीन की कई बड़ी कंपनियों पर इसका सीधा असर हुआ है। इसका सीधा नुकसान चीन की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। अमेरिका अगले साल जापान और नीदरलैंड को निर्यात का अपना नया केंद्र बनाने की कोशिश करेगा। हालांकि चीन ने अमेरिका की इस रणनीति को लेकर कोई पलटवार नहीं किया है। अगर ऐसा कुछ होता है तो दोनों देशों की अर्थव्यवस्था चोटिल होगी।

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