पाकिस्तान (Pakistan)। जब पाकिस्तान ने आतंकवाद (terrorism in pakistan) को जन्म देने शुरू किया तो उसका मकसद सिर्फ एक ही था। भारत के खिलाफ इनका इस्तेमाल (Use them against India) करना और जमकर आतंक फैलाना, लेकिन पाकिस्तान ने कभी सोचा नहीं होगा कि एक दिन उसके ये आतंकवादी उसी के ऊपर बम हमला करेंगे। आज वैसा ही देखने को मिल रहा है, क्योंकि पाकिस्तान पर अब आतंकी राज होने जा रहे हैं और पाकिस्तान का हाल कुछ-कुछ वैसा ही होने वाला है, जैसा कि अफ़गानिस्तान का हुआ था। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि पाकिस्तानी तालिबान यानि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान कुछ-कुछ इसी ओर बढ़ता दिख रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार टीटीपी ने अपनी सरकार की घोषणा कर दी है इसके साथ ही कई मंत्रालय भी बना दिए हैं।
दरअसल, जबसे टीटीपी ने पाक सरकार के साथ संघर्ष विराम तोड़ने की घोषणा की है तभी से पड़ोसी देश से हिंसा और दहश्त की खबरें आम हो गई हैं। देखते ही देखते आतंकियां की ताकत बढ़ती जा रही है और पाक सरकार को चुनौती दे रहे हैं। पाकिस्तानी तालिबान, जिसे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान यानि टीटीपी भी कहा जाता है, वो फिलहाल पाकिस्तान सरकार के लिए सबसे बड़ा सिर दर्द बनता जा रहा है। अब खबर ये आ रही है कि उसने एक कदम आगे जाते हुए अपनी सरकार बना ली है। टीटीपी ने मंत्रालयों और विभागों तक की घोषणा कर दी है। नयी नियुक्तियां भी शुरू कर दी हैं।
टीटीपी पाकिस्तान के सुरक्षाबलों पर हमले कर रहा है और अब टीटीपी देश की कमान ही अपने हाथ में लेने की कोशिश कर रह रहा है। कुलमिलाकर पाकिस्तान को घर में घुसकर मारने की धमकी दी जा रही है।
जानकारी के अनुसार पाकिस्तानी तालिबान ने अपनी सरकार में रक्षा मंत्रालय भी बनाया है और ऐसा भी दावा किया जा रहा है उसमें सुसाईड स्क्वॉड भी होगा। यही नहीं कानून, विदेश और गृह मंत्रालय के साथ खुफिया विभाग भी होगा। बता दें आतंकी सगंठन ने ख़ैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान के लिए ये घोषणाएं की हैं। टीटीपी की ये हरकत बिल्कुल नयी सरकार बनाने जैसी देखी जा रही है। ये माना जा रहा है कि पाकिस्तान सरकार के लिए टीटीपी सबसे बड़ा खतरा है। पिछले महीने जब जनरल बाजवा पाकिस्तानी सेना की कमान नए प्रमुख असीम मुनीर को सौंप रहे थे तब तहरीक-ए-तालिबान ने जून में किए गए संघर्ष विराम समझौते को रद्द करने का ऐलान कर दिया। टीटीपी ने नये सेनाध्यक्ष को सीधी धमकी देते हुए अपने लड़ाकों से कहा कि पाकिस्तानी सेना मुजाहिदीन के खिलाफ अभियान चला रही है। इसके बाद जवाब में आंतकी सगंठन के द्वारा कई जगहों पर बदले की कार्रवाई की गई।
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