खेल बड़ी खबर

French Open: केनिन को हराकर स्वितेक ने रचा इतिहास, खिताब जीतने वाली पौलेंड की पहली महिला खिलाड़ी बनी


पेरिस। पोलैंड की युवा महिला टेनिस खिलाड़ी इग स्वितेक ने इतिहास रच दिया है। स्वितेक फ्रेंच ओपन का महिला सिंगल इवेंट खिताब नाम करने वाली पौलेंड की पहली खिलाड़ी बनी हैं। स्वितेक ने फाइनल में आस्ट्रेलियन ओपन विजेता अमेरिका की सोफिया केनिन को मात दी। पोलैंड की खिलाड़ी ने केनिन को सीधे सेटों में 6-4,6-1 से मात दे अपना पहला ग्रैंड स्लैम खिताब जीता।

19 साल की स्वितेक 2005 के बाद से फ्रेंच ओपन जीतने वाली सबसे युवा खिलाड़ी भी हैं। उनसे पहले स्पेन के राफेल नडाल ने 19 साल ही उम्र में ही यह खिताब जीता था। स्वितेक इसी के साथ अपने देश की पहली गैंड स्लैम विजेता बन गई हैं। केनिन अपने दूसरे ग्रैंड स्लैम खिताब की ओर देख रही थीं लेकिन उसे हासिल नहीं कर पाई। स्वितेक ने कहा, “मुझे नहीं पता कि मैं किसका शुक्रिया अदा करूं। पहले तो मैं यह कहना चाहती हूं कि मैं स्पीच देने में अच्छी नहीं हूं क्योंकि मैंने अपना आखिरी टूर्नामेंट दो साल पहले जीता था।”

उन्होंने कहा, “मैं हर उस इंसान को धन्यवाद देना चाहती हूं, जिसने इस मुश्किल समय में यह टूर्नामेंट आयोजित करने में मदद की। मेरे लिए यह शानदार पल है क्योंकि मैं राफेल नडाल को हमेशा यह ट्रॉफी उठाते देखा है। अब मैंने उठाई है।”

पूर्व जूनियर विंबलडन विजेता स्वितेक 1992 में मोनिका सेलेस के बाद से फ्रेंच ओपन जीतने वाली सबसे युवा महिला बन गई हैं। स्वितेक ने चौथे दौर में रोमानिया की सिमोना हालेप को मात दी थी। स्वितेक पहले सेट में 3-0 से आगे थीं। केनिन ने यहां वापसी की और युवा खिलाड़ी को परेशान किया। इस युवा खिलाड़ी ने ब्रेक प्वाइंट हासिल किया। वह फि 5-3 से आगे हो गईं।

 

Share:

Next Post

किस राज्य में बंद किए जा रहे हैं सरकारी मदरसे और संस्कृत स्कूल, क्या है वजह

Sun Oct 11 , 2020
गुवाहाटी। असम की सरकार ने सरकारी पैसों से धार्मिक शिक्षा बंद करने का फैसला क्या लिया। असम सरकार का कहना है कि जनता के पैसों की फिजूलखर्ची अब नहीं होगी। असम सरकार ने कहा है कि जनता के पैसे से धार्मिक शिक्षा का प्रावधान नहीं है। ये आदेश असम के संस्कृत स्कूलों पर भी लागू […]