
नई दिल्ली । भारत (India) के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए जीडीपी (GDP) का डेटा जारी कर दिया है। ट्रंप के टैरिफ और तमाम परेशानियों के बाद भी भारत की अर्थव्यवस्था (भारत की अर्थव्यवस्था ) इस तिमाही में तेजी के साथ 8.2 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया। लेकिन अब कांग्रेस ने जीडीपी के आंकड़ों पर ही सवाल उठा दिया है। वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने आईएमएफ रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय राष्ट्रीय लेखा-जोखा सांख्यिकी के इस रिपोर्ट में सी ग्रेड दिया गया है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए जयराम रमेश ने लिखा, “यह विडंबना है कि तिमाही जीडीपी के आंकड़े उस समय जारी किए गए हैं, जब आईएमएफ रिपोर्ट ने भारतीय राष्ट्रीय लेखा-जोखा सांख्यिकी को दूसरा सबसे कम ग्रेड ‘सी’ दिया है।
आईएमएफ रिपोर्ट का हवाला देते हुए जयराम रमेश ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के आंकड़े अभी भी निराशाजनक हैं। निजी निवेश में कोई गति नहीं है। इसके अभाव में उच्च जीडीपी वृद्धि दर टिकाऊ नहीं है।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए जयराम रमेश ने कहा, “संख्याएँ लगातार निराशाजनक हैं। सकल स्थिर पूंजी निर्माण में कोई उछाल नहीं आया है। निजी निवेश में नई गति के बिना उच्च जीडीपी वृद्धि दर टिकाऊ नहीं है। इसका कोई सबूत नहीं दिख रहा है।” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार मुद्रास्फीति को कम करके दिखा रही है, ताकि जीडीपी की वृद्धि को दिखाया जा सके।
इससे पहले, ट्रंप से टैरिफ वॉर, वैश्विक दबाव और तमाम परेशानियों के बीच भी भारतीय अर्थव्यवस्था ने इस तिमाही में बेहतर प्रदर्शन करके दिखाया है। पिछले वित्त वर्ष में इसी तिमाही में यह वृद्धि दर 5.6 प्रतिशत की थी। इस तिमाही में यह 8.2 प्रतिशत की है। पीएम मोदी समेत कई भाजपा नेताओं और मंत्रियों ने इन आंकड़ों का खुले मन से स्वागत किया और विरोधियों पर निशाना भी साधा।
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