
भोपाल। मप्र हाईकोर्ट (MP High Court) की कमेटी ने निर्देश दिए हैं कि जेल में बंद 60 साल से अधिक उम्र के पुरुष बंदी, 45 की आयु पार वाली महिला बंदियों सहित सभी वह महिलाएं जो जेल में अपने बच्चों के साथ रह रही हैं उनको 90 दिन की पैरोल (Parole) पर छोड़ा जाए। यह निर्देश सभी जिला कोर्ट (District Court) के न्यायाधीशों को दिए गए हैं। कोर्ट (Court) में इस तरह के आने वाले आवेदन पर तीन दिन में फैसला लेने के लिए कहा है। हाईकोर्ट (High Court) की हाई पावर कमेटी के न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव (Prakash Shrivastava) की अध्यक्षता में हुई बैठक में इसके अलावा भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। हाई पावर (High Power) कमेटी द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार जेल में बंद ऐसी महिलाएं जो गर्भवति हैं। ऐसी महिला बंदी जिनकी उम्र 45 वर्ष से अधिक है। साथ ही ऐसे बंदी जो गंभीर बीमारी से पीडि़त हैं और उनके पैरोल (Parole) संबंधित आवेदन कोर्ट में लंबित हैं। ऐसे मामलों में तीन दिन में निर्णय लेने के निर्देश भी जजों को दिए हैं। साथ ही कहा है कि सेन्ट्रल जेल (Central Jail) की नियमों को देखते हुए उन्हें 90 दिन की पैरोल (Parole) दी जाए।
इन गंभीर बीमारी को माना जाएगा आधार
हाईकोर्ट की कमेटी के निर्देश के आधार पर बंदियों को जिन गंभीर बीमारियों में 90 दिन की पैरोल का फायदा मिल सकता है वह इस प्रकार हैं जैसे- कैंसर, हार्ट पेशेंट, शुगर पेशेंट, जिनकी बायपास सर्जरी हो चुकी है, बाल्व बदल चुका है। एचआईवी पॉजिटिव, किडनी से संबंधित बीमारी, हेपीटाइटिस बी , अस्थमा, टीबी और 40 प्रतिशत से अधिक अक्षमता वाले बंदी जिनके प्रकरणों का निराकरण नहीं हुआ है उनको मिलेगा।
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