
इंदौर: प्रदेश में 15 साल पुरानी खटारा बसों (old buses) को हटाने की प्रक्रिया तेज हो गई है. इसी क्रम में इंदौर संभाग (Indore division) में क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 135 यात्री बसों पर स्टेज कैरिज परमिट निरस्त करने की कार्रवाई शुरू की है. इनमें से 73 बसों के परमिट रद्द कर दिए गए हैं, जबकि 62 बसों पर कार्रवाई जारी है. जांच में पाया गया कि ये बसें तय शर्तों के विपरीत पुराने मॉडल की थीं और अलग-अलग मार्गों पर लगातार संचालित की जा रही थीं. यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए विभाग अब सख्ती से नियम लागू कर रहा है.
क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण और संभागायुक्त डॉ. सुदाम खाडे ने इंदौर संभाग के विभिन्न रूटों पर चलने वाली सभी 135 बसों के परमिट निरस्त करने के आदेश दिए. ये बसें 15 वर्ष से अधिक पुरानी थीं और अलग-अलग जिलों में स्थाई परमिट के तहत 2026-27 तक चलनी थीं. लेकिन विभाग की ओर से वाहन मालिकों को नोटिस देकर नई बसें प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे, जिसका पालन नहीं किया गया. परिवहन विभाग के सचिव मनीष सिंह पहले ही यह निर्देश दे चुके थे कि स्टेज कैरिज परमिट पर 15 साल से अधिक पुरानी बसें नहीं चलाई जाएंगी.
परिवहन मुख्यालय ने इंदौर संभाग में 15 साल पुरानी कुल 156 बसों की सूची भेजी थी. इन बसों के पास पांच साल के स्थाई परमिट थे, लेकिन तय समय सीमा से अधिक पुरानी होने की वजह से इन्हें नोटिस भेजा गया. विभाग ने बस संचालकों से नई मॉडल बसों की सूची मांगी थी, परंतु केवल 21 संचालकों ने ही जवाब दिया. बाकी 135 संचालकों ने कोई नई सूची नहीं सौंपी, जिसके बाद उनके परमिट निरस्त कर दिए गए. विभाग का कहना है कि सुरक्षा और नियमों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा.
इसी बीच प्रदेश में 21 साल बाद सरकारी बसें फिर सड़क पर उतरने जा रही हैं. मुख्यमंत्री सुगम परिवहन योजना के तहत नई कंपनी “यात्री परिवहन एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड” बसों का संचालन करेगी. इसकी शुरुआत अप्रैल 2026 में इंदौर से होगी और सभी रूट पहले ही तय कर दिए गए हैं. बसें सरकार और निजी ऑपरेटरों के बीच कॉन्ट्रैक्ट मॉडल पर चलेंगी. खास बात यह है कि नई योजना में केवल अद्यतन मॉडल की बसों को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि यात्रियों को सुरक्षित, आरामदायक और सुगम सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध कराया जा सके.
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