भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

सरकार के मंत्री करणी सेना को रोकने में विफल रहे

  • पिछले हफ्ते सीएम हाउस में किया था राजपूत समागम

भोपाल। राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना, करणी सेना परिवार एवं सर्वसमाज ने 21 सूत्रीय मांगों को भोपाल में बड़ा प्रदर्शन किया है। रविवार को हजारों की संख्या में राजस्थान, उप्र समेत अन्य राज्यों से समाज के लोग पहुंचे थे। इसमें प्रमुख मांग है जातीय आधार पर आरक्षण खत्म करने की। आंदोलन खत्म करने को लेकर करणी सेना के नेताओं से मप्र सरकार की बातचीत चल रही है। सरकार की ओर से मंत्री अरविंद भदौरिया आंदोलनकारियों से चर्चा कर रहे हैं। हालांकि अभी तक चर्चा सफल नहीं हुई है। खास बात यह है कि करणी सेना के भोपाल में आंदोलन की चेतावनी के चलते पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री निवास पर राजपूत समागम किया था। जिसमें मप्र सरकार के सभी क्षत्रिय 8 मंत्रियों ने समाज के साथ हिस्सा लिया था। करणी सेना प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर ने चेतावनी दी कि सरकार जातिगत आरक्षण समाप्त करे वर्ना हम चुनावी राजनीति में उतरेंगे। हम व्यवस्था सुधार के लिए आंदोलन कर रहे हैं। सवर्ण और पिछड़ा वर्ग हमारे साथ हैं। हम मिलकर तख्ता पलट देंगे। अपनी मांगों के साथ जीवन सिंह शेरपुर सहित करणी सेना के पांच पदाधिकारी अनशन पर बैठ गए हैं। आंदोलन स्थल पर हनुमान चलीसा का पाठ किया जा रहा है।


मुख्यमंत्री ने अधिकतर मांग पूरी कीं
प्रदेश के सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया ने बताया कि क्षत्रिय समाज के लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकतर मांगे पूरी कर दी हैं। सरकार देश प्रथम की भावना पर काम कर रही है। सामान्य वर्ग कल्याण आयोग भी इसी मंशा के साथ बनाया है। सभी वर्गों के कल्याण के लिए योजनाएं बनाई जा रही है। सरकार के दरवाजे संवाद के लिए हमेशा खुले हुए हैं। ऐसे में शांति के साथ चर्चा के माध्यम से समाज के सभी वर्गों को आगे बढऩा चाहिए।

दूसरे राज्यों में भी चुनाव, आंदोलन मप्र में?
आंदोलन में मप्र के अलावा ज्यादातर लोग दूसरे राज्यों से आए हैं। इस आंदेालन को चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। जबकि मप्र के अलावा राजस्थान समेत अन्य राज्यों में भी चुनाव हैं। ऐसे में मप्र में आंदोलन कर शिवराज सरकार पर दबाव बनाने को राजनीतिक नजरिए से भी देखा जा रहा है।

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