भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में आबकारी नीति (Excise Policy) पर जमकर राजनीति हो रही है. कांग्रेस (Congress) प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी (Jitu Patwari) ने नई आबकारी नीति आने से पहले सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार शराब की 200 से ज्यादा नई दुकान खोलने जा रही है. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि राजस्व बढ़ाने के लिए मिनी बार भी मध्य प्रदेश में खोले जाएंगे. बता दें कि प्रदेश में 1 अप्रैल से नई आबकारी नीति लागू होने जा रही है. अधिकारियों का कहना है कि कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों के अनुसार नियम बनेगा.
मध्य प्रदेश में नई आबकारी नीति पर कांग्रेस और बीजेपी आमने सामने हैं. जीतू पटवारी ने कहा, “सरकार राजस्व बढ़ाने के लिए शराब की दुकान से 100 मीटर की दूरी पर मिनी बार का लाइसेंस भी देने की तैयारी कर रही है. शिवराज सरकार ने शराब के अहाते बंद किए थे. बंद अहातों को अब मोहन यादव की सरकार खोलने जा रही है.”
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि शराब की 211 नई दुकान खोले जाने का भी प्रस्ताव है. उन्होंने कहा कि 2005 तक मध्य प्रदेश में 2270 शराब की दुकान बढ़कर अब 3605 हो गई है. जीतू पटवारी ने कहा, “पुराने ठेकेदारों को लाइसेंस की अनुमति देने पर भी सरकार विचार कर रही है. लाइसेंस फीस की राशि 20 फीसद बढ़ा दी जाएगी. नई आबकारी नीति से 14,000 करोड़ की बजाय 16,000 करोड़ राजस्व की वसूली होगी.”
कांग्रेस का आरोप है कि मोहन यादव की सरकार शराब को प्रोत्साहित कर रही है. बीजेपी ने कांग्रेस के आरोप पर पलटवार किया. बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी ने कहा, “बीजेपी सरकार ने शराब के अहाते बंद किए हैं. अब मुख्यमंत्री मोहन यादव ने धार्मिक नगरी में शराबबंदी का एलान किया है. सरकार जनहित में निर्णय ले रही है.” उन्होंने कहा कि मोहन यादव की सरकार में शराब पर सख्ती देखने को मिली है. कांग्रेस बीजेपी पर झूठे और मनगढ़ंत आरोप लगा रही है.
नई शराब नीति पर आरोप प्रत्यारोप के बीच आबकारी विभाग के बड़े अधिकारी ने जानकारी दी. उन्होंने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि कैबिनेट की बैठक में शराब नीति के प्रस्ताव पर मुहर लगेगी. प्रस्ताव पारित होने के बाद नया नियम 1 अप्रैल 2025 में लागू होगा. उन्होंने कहा है कि आने वाले समय में शराब की सस्ती या महंगी होने का फैसला भी नई नीति से तय होगा. हालांकि शराब की सस्ती होने की संभावना नहीं है. आबकारी विभाग के अधिकारी ने बताया कि हर साल शराब का ठेका लाइसेंस में 10 से 20 फीसद की बढ़ोतरी हो रही है.
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