बड़ी खबर

हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने समालखा नगरपालिका के सेनेटरी इंस्पेक्टर विकास पर 15 हजार रूपए का जुर्माना लगाया


चंडीगढ़ । हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग (Haryana Right to Service Commission) ने समालखा नगरपालिका (Samalkha Municipality) के सेनेटरी इंस्पेक्टर विकास पर (On Sanitary Inspector Vikas) 15 हजार रूपए का जुर्माना (Fine of Rs. 15 Thousand) लगाया (Imposed) । इसके साथ ही समालखा नगरपालिका के सचिव मुकेश कुमार के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए शहरी स्थानीय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को सिफारिश की है।


आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि अपीलकर्ता आशु ने समालखा में गलियों/सड़कों से ठोस अपशिष्ट हटाने की सेवा के लिए सरल माध्यम से पहली अपील 27 जुलाई, 2023 को नगरपालिका, समालखा के एफजीआरए सह-सचिव को भेजी थी। लेकिन, उन्होंने 13 सितम्बर तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। इसके बाद दूसरी अपील 13 सितम्बर को एसजीआरए-सह-जिला नगर आयुक्त, नगर समिति, समालखा को भेज दी गई। जिस पर 26 सितम्बर को सुनवाई हुई। लेकिन, अपील को अंतिम रूप नहीं दिया और 28 अक्टूबर को आयोग को भेज दिया गया।

आयोग को अपीलकर्ता ने बताया कि उनका सीवरेज पास की डेयरी के गोबर के कारण बंद है। इस कारण क्षेत्र में मच्छरों आदि का प्रकोप बढ़ गया है। जिससे न केवल बच्चों बल्कि बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ा। जिससे क्षेत्र में बहुत लंबे समय से अस्वच्छता की स्थिति पैदा हो गई। उन्होंने बताया कि डेयरी मालिकों द्वारा अपने आवास के सामने सीवरेज में गोबर का निस्तारण करने के कारण नालियां भी ओवरफ्लो हो रही है। वें अपनी शिकायतों के निवारण के लिए नगरपालिका समिति के सचिव सहित एसडीएम और डीएमसी से बार-बार अनुरोध किया लेकिन समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया।

आयोग ने इस मामले में सभी तथ्यों पर विचार करते हुए कहा कि इस मामले में स्पष्ट रूप से खामियाँ पाई गई। समालखा-सह-डीओ सेनेटरी इंस्पेक्टर, विकास ने 3 महीने से अधिक की अवधि बीत जाने के बाद ही सफाई की कार्रवाई की क्योंकि आवेदन 24 जुलाई को किया गया था। लेकिन, सफाई केवल 7 नवम्बर को की गई है। जो कि स्पष्ट सिद्ध करता है कि सेनेटरी इंस्पेक्टर विकास ने अपने कार्यों में पूर्ण रूप से कोताही बरती। इसलिए आयोग ने अधिनियम की धारा 17 (1) (एच) के तहत प्रदत्त अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए कुल 15 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। इसमें से 10 हजार रुपए उन्हें ट्रेजरी में जमा करवाने है तथा अपीलकर्ता आशु को 5 हजार रुपए का भुगतान भी करना होगा। जो विकास केे वेतन से काटा जाएगा।

आयोग ने शहरी स्थानीय विभाग से अनुरोध भी किया कि इसकी नवंबर, 2023 के वेतन से 15 हजार रुपए कटौती सुनिश्चित करें। आयोग ने कहा कि इस मामले में सचिव मुकेश कुमार की भी गलती हैं क्योंकि उन्होंने 27 जुलाई को उनके समक्ष उठाई गई लेकिन प्रथम अपील पर 13 सितम्बर तक कोई कार्रवाई नहीं की है। परिणामस्वरूप, इसे एसजीआरए तक बढ़ा दिया गया। यह स्पष्ट रूप से लापरवाही को दर्शाता है जिसके लिए आयोग ने धारा 17 (1) (डी) के तहत अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है। उनसे अनुरोध है कि वे इन आदेशों की प्राप्ति के 30 दिनों के भीतर इस मामले में की गई कार्रवाई के बारे में आयोग को सूचित करें।

Share:

Next Post

शकीरा जेल जाने से बचीं, स्पेन में 15 मिलियन डॉलर के कर धोखाधड़ी मुकदमे में समझौता किया

Mon Nov 20 , 2023
बार्सिलोना। कोलंबियाई पॉप स्टार शकीरा[colombian pop star shakira], स्पेन [spain] में जेल जाने से बच गईं। उन्होंने 2012 से 2014 के बीच स्पेन में 15.7 मिलियन डॉलर यानी123 करोड़ रुपए[123 crore rupees] से अधिक के कर [tax] की धोखाधड़ी [Fraud] के मामले में मुकदमे से बचने के लिए अभियोजन पक्ष से समझौता [agreement] किया है। […]