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Dadasaheb Phalke Award : Asha Parekh से पहले इन्‍हें भी मिल चुका है यह पुरूस्‍कार

दिग्गज अभिनेत्री आशा पारेख (Asha Parekh) को साल 2020 के लिए दादा साहेब पुरस्कार (Dadasaheb Phalke Award) से सम्मानित करने का ऐलान किया गया है। आशा पारेख फिल्म इंडस्ट्री की सातवीं अभिनेत्री हैं, जिन्हें दादा साहेब जैसा सम्मानित पुरस्कार हासिल होने का गौरव प्राप्त हो रहा है। आशा पारेख (Asha Parekh) को मिलने वाला यह पुरस्कार इसलिए भी चर्चा में है, क्योंकि लगभग दो दशक के बाद किसी महिला को यह पुरस्कार मिल रहा है। उनसे पहले आशा भोसले, लता मंगेशकर, दुर्गा खोटे, कानन देवी, रूबी मेयर्स, देविका रानी को यह गौरव हासिल हुआ है।



कब हुई दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की शुरुआत -Dadasaheb Phalke Award

दादा साहेब फाल्के पुरस्कार Dadasaheb Phalke Award की शुरुआत वर्ष 1969 में फिल्म उद्योग के ‘पितामह’ कहे जाने वाले दादा साहेब फाल्के के जन्म शताब्दी वर्ष में की गई थी। दादा साहेब फाल्के का पूरा नाम धुंडिराज गोविन्द फाल्के था। देविका रानी यह पुरस्कार प्राप्त करने वाली पहली अभिनेत्री थीं। इसके बाद साल 1973 में अभिनेत्री रूबी मेयर्स को, 1976 में कानन देवी, 1983 में दुर्गा खोटे को, 1989 में लता मंगेशकर को और साल 2000 में आशा भोंसले को यह पुरस्कार दिया गया। वहीं अब दो दशक के बाद यह पुरस्कार दिग्गज अभिनेत्री आशा पारेख को मिलने जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि साल 2019 के बाद कोविड-19 महामारी के चलते इस पुरस्कार की घोषणा नहीं की गई। अब 2020 के लिए यह सम्मान आशा पारेख को दिया जा रहा है। इसकी घोषणा हाल ही में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने की थी। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू 30 सितंबर को आयोजित होने जा रहे ह68वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड समारोह में आशा पारेख को ये सम्मान देने जा रही हैं ।

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